Buxar News: घटने लगा गंगा का जलस्तर, बाढ़ से राहत की उम्मीद जगी

गंगा के जलस्तर में ठहराव के बाद अब पानी घटने का सिलसिला शुरू हो गया है. इससे गंगा व सहायक नदियों के तटीय इलाके के लोगों को राहत की उम्मीद जग गई है

By RAVIRANJAN KUMAR SINGH | September 12, 2025 9:33 PM

बक्सर. गंगा के जलस्तर में ठहराव के बाद अब पानी घटने का सिलसिला शुरू हो गया है. इससे गंगा व सहायक नदियों के तटीय इलाके के लोगों को राहत की उम्मीद जग गई है. लाल निशान पार करने के बाद 60.39 मीटर पर गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया था. जलस्तर में कमी आने के साथ ही जिले में प्रवाहित होने वाली कर्मनाशा एवं ठोरा समेत अन्य सहायक नदियों के उफान भी कमजोर पड़ गए हैं. केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को अपराह्न 7.00 बजे से जलस्तर में कमी दर्ज की जा रही है. लेकिन जलस्तर खिसकने की गति काफी कम है, सो प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ की हालत जस-की-तस बने हुए हैं. जलस्तर घटने की धीमी रफ्तार का आलम यह है कि उच्चतम बिंदु से अभी तक मात्र 8 सेंटीमीटर कमी दर्ज की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को जलस्तर पूर्वाह्न 8.00 बजे 60.33 मीटर था, जो अपराह्न 5.00 बजे 60.31 मीटर हो गया. उच्चतम बिंदु 60.39 मीटर पर खड़ा हुआ था जलस्तर गंगा का जलस्तर गुरुवार की सुबह 60.39 मीटर पर पहुंचने के बाद खड़ा हो गया था. जबकि बुधवार को मध्याह्न 12 बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 60.32 मीटर पर पहुंचने के बाद शाम पांच बजे 60.34 मीटर दर्ज किया गया था. जाहिर है कि बक्सर में चेतावनी बिंदु 59.32 मीटर तथा खतरे का निशान 60.32 मीटर है. प्रभावित इलाकों में स्थिति बदहाल जलस्तर में मामूली कमी आने के बाद भी गंगा के तटीय क्षेत्रों की स्थिति में अभी कोई सुधार नहीं है. हालांकि दो-तीन दिनों में राहत की संभावना बनी हुई है. गंगा के जलस्तर के दबाव से उफनाई कर्मनाश का पानी चौसा-मोहनिया सड़क पर बह रहा है. जिससे यातयात अभी भी बाधित है. तटीय क्षेत्र के खेतों में खड़ी फसलें भी डूबने से बर्बाद हो गई हैं. बक्सर शहर स्थित रामरेखाघाट समेत अन्य गंगा घाटों की सीढ़ियां अभी भी डूबी हुई हैं और नालों के सहारे गंगा का पानी रिहायशी क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है. श्मशानघाट स्थित मुक्ति धाम में भी पानी के बहाव से जगह के अभाव में शव दाह में परेशानी हो रही है. रामरेखाट पर बने दोनों विवाह मंडपों से होकर गंगा की धारा बह रही है. जिससे वहां स्नान करना खतरनाक हो गया है. इसी तरह सिमरी, चक्की व ब्रह्मपुर अंचल के दियारा क्षेत्रों में पहले की तरह परेशानी बरकरार है.

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