Buxar News: उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को किया गया सम्मानित

जिला स्वास्थ्य समिति समय समय बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित किया जाता है.

By RAVIRANJAN KUMAR SINGH | March 22, 2025 10:21 PM

बक्सर

. जिला स्वास्थ्य समिति समय समय बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित किया जाता है. ताकि, बेहतर कार्य करने वाले लोगों की हौसलाअफजाई की जा सके. इस क्रम में परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को सिविल सर्जन डॉ. शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती ने जिला मुख्यालय स्थित जीएनएम स्कूल के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया. यह पुरस्कार यह पुरस्कार उन्हें वर्ष 2024 में परिवार कल्याण कार्यक्रम में बेहतर कार्य के लिए दिया गया. इस दौरान सिविल सर्जन ने सभी को मोमेंटो देकर भविष्य में इसी प्रकार से बेहतर कार्य करने की अपील की. सिविल सर्जन ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों की मेहनत और लगन की बदौलत बक्सर जिला दिन प्रतिदिन परिवार कल्याण कार्यक्रम में आगे बढ़ रहा है. इसके लिए वो सभी लोग बधाई के पात्र हैं, जो विभिन्न कार्यक्रमों के बीच परिवार कल्याण कार्यक्रम को गति देने के लिए प्रयासरत हैं. उन्होंने जिले के सभी पदाधिकारियों, अधिकारियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को परिवार कल्याण कार्यक्रम में अपना श्रेष्ठ देने को कहा. ताकि, बक्सर जिले को राज्य में प्रथम स्थान दिलाने का लक्ष्य रखा जा सके. उन्होंने कहा कि जिले में प्रजनन दर में कमी के लिए जागरूकता जरूरी है. गर्भ निरोधकों के उपयोग को बढ़ाने और सामुदायिक स्तर पर इसकी पहुंच बनाने की आवश्यकता है. जिसको सीएचओ और आशा कार्यकर्ता बेहतर तरीके से पूरा कर सकते हैं. दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखना चाहिए : अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह डीएमओ डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि सभी का सपना होता है कि वो अपने बच्चे को उचित परवरिश दें, लेकिन जब परिवार बड़ा हो जाता है तो यह संभव नहीं हो पाता. ऐसे में हमें अपने बच्चों को उचित परवरिश एवं अच्छी शिक्षा देने के लिए छोटा परिवार जरूरी है. परिवार नियोजन का मतलब है कि बच्चों की संख्या को नियंत्रित करना और दो बच्चों के बीच अंतराल बनाए रखना. लोगों को शादी के कम से कम दो साल बाद पहले बच्चे की योजना बनानी चाहिए. दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखना चाहिए. तभी जाकर खुशहाल परिवार का सपना साकार हो पाएगा. इसके लिए हम सभी को मिलकर जिलेवासियों को परिवार नियोजन के साधनों के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. लोगों को नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों की जानकारी देनी होगी. ये सभी सुविधाएं सभी सरकारी संस्थान में बिल्कुल मुफ्त में उपलब्ध है. मौके पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विनोद प्रताप सिंह, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय, डीपीएम मनीष कुमार, डीएमईओ अमित अंकुर, सदर बीसीएम प्रिंस कुमार सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

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