भारतीय जीवन बीमा निगम को भुगतान करना पड़ा चार लाख 80 हजार 508 रुपए
राज्य उपभोक्ता आयोग पटना ने जिला उपभोक्ता आयोग बक्सर द्वारा परिवाद पत्र संख्या 75 /2009 में पारित आदेश के फैसले के फैसले को सही ठहराया है.
बक्सर कोर्ट. राज्य उपभोक्ता आयोग पटना ने जिला उपभोक्ता आयोग बक्सर द्वारा परिवाद पत्र संख्या 75 /2009 में पारित आदेश के फैसले के फैसले को सही ठहराया है. मामला एच डी जैन कॉलेज आरा के वनस्पति विज्ञान विभाग के डॉक्टर चंद्रशेखर चौधरी का है. डॉक्टर चौधरी ने विपक्षी भारतीय जीवन बीमा निगम, शाखा सासाराम द्वारा किए गए सेवा में त्रुटि को लेकर जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद पत्र संख्या 75/ 2009 दाखिल किया था. परिवादी ने न्यायालय को बताया था कि उसने विपक्षी भारतीय जीवन बीमा निगम से वेतन बचत योजना के तहत बीमा खरीदा था जिसकी देय तिथि 2003 में सुनिश्चित थी. जब परिवादी बीमा की राशि को प्राप्त करने के लिए विपक्षियों से मिला तो उसके दावे को यह कहकर निरस्त कर दिया गया कि प्रीमियम के रूप में दिए गए कुछ चेक बाउंस हो गये थे. उक्त मामले की सुनवाई जिला फोरम में किया गया था जहां परिवादी को राशि के भुगतान के लिए आदेशित किया गया था लेकिन विपक्षी ने आदेश के अनुपालन करने के बजाय राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील संख्या 222/2013 दाखिल कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दिया था जहां सुनवाई में राज्य आयोग ने जिला उपभोक्ता फोरम बक्सर के फैसले को सही ठहराते हुए अपील में कोई मेरिट नहीं पाया तथा अपील को खारिज कर दिया था. बुधवार को विपक्षी ने परिवादी के पक्ष में कुल 4 लाख 80 हजार 508 रुपए का भुगतान कर चेक के माध्यम से किया जिसे सेवानिवृत न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला उपभोक्ता आयोग वेद प्रकाश सिंह तथा सदस्य राजीव सिंह ने परिवादी के पक्ष में निर्गत कर दिया. इस अवसर पर अधिवक्ता शशि भूषण सिंह एवं परिवादी डॉक्टर चंद्रशेखर चौधरी उपस्थित थे.
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