मतदान की तिथि करीब आने के बावजूद चुनावी रंग फीका
बिहार विधानसभा आम निर्वाचन को लेकर रण सज गया है. उम्मीदवार जन संपर्क अभियान को लेकर रात-दिन मेहनत कर रहे हैं.
बक्सर. बिहार विधानसभा आम निर्वाचन को लेकर रण सज गया है. उम्मीदवार जन संपर्क अभियान को लेकर रात-दिन मेहनत कर रहे हैं, लेकिन अभी तक चुनावी माहौल पूरी तरह फीका-फीका लग रहा है. मतदाता भी पूरी तरह उदासीन हैं, जबकि मतदान की तिथि बिल्कुल करीब आ गई है. इसका कारण नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद एक-एक कर आने वाले त्योहार को बताया जा रहा था, पर छठ महापर्व के समापन के साथ ही मौसम का मिजाज बदलने से चुनावी तपीश में भी ठंडक आ गयी है. चुनावी मौसम में चक्रवाती तूफान आने से किसानों को तो चिंतित कर ही दिया है, सियासत का पारा भी नरम कर दिया है. इसका नजारा बुधवार को देखने को मिला. जिस जोश-ओ-खरोश के साथ उम्मीदवारों के समर्थक लगे हुए थे उनमें से अधिकतर दिन भर रूक-रूककर हुई बारिश के चलते जन संपर्क को नहीं निकले. जाहिर है कि प्रथम चरण में होने वाले जिले की सभी चार विधानसभा सीटों के लिए छह नवंबर को मतदान कराया जायेगा. चुनाव प्रचार चार नवंबर को समाप्त हो जाएगा. ऐसे में अब चुनाव प्रचार के लिए मतदाताओं के पास मात्र पांच-छह दिनों का समय शेष रह गया है. जबकि चुनावी तस्वीर पूरी तरह धूमिल है. स्टार प्रचारकों की सभा को लेकर भी प्रत्याशी उदासीन बने हुए हैं. नतीजा यह है कि भाजपा की ओर से गृहमंत्री अमित शाह एवं उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा डुमरांव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छोड़ अभी तक किसी भी दल के बड़े नेता की चुनावी सभा नहीं हुई है. बिहार के दो प्रमुख गठबंधनों में से महागठबंधन का हाल तो और खराब है. क्योंकि महागठबंधन का कोई भी स्टार प्रचारक अथवा बड़े नेताओं की चुनावी सभा नहीं हो सकी है. जबकि पिछले विधानसभा आम चुनाव में जिले की सभी चारों सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया था.
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