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ग्रामीण सड़कों सहित विभिन्न विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में जानबूझकर देरी : विधायक

उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार चुनावी राजनीति के चलते विपक्ष शासित क्षेत्रों में विकास योजनाओं को रोककर केवल सत्ता पक्ष के क्षेत्रों में योजनाओं को आगे बढ़ाई जा रही है.

By AMLESH PRASAD | June 25, 2025 9:29 PM
ग्रामीण सड़कों सहित विभिन्न विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में जानबूझकर देरी : विधायक

डुमरांव. डुमरांव विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों में भाजपा-जदयू की सरकार स्थानीय नेताओं के दबाव में आकर चुनाव में हार के भय से मंत्रियों के इशारों पर अधिकारियों को डराने धमकाने के माध्यम से ग्रामीण सड़कों सहित विभिन्न विकास योजनाओं में अनदेखी जानबूझकर की जा रही है. विकास कार्यों में देरी का आरोप लगाते हुए विधायक डॉ अजित कुमार सिंह ने गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार चुनावी राजनीति के चलते विपक्ष शासित क्षेत्रों में विकास योजनाओं को रोककर केवल सत्ता पक्ष के क्षेत्रों में योजनाओं को आगे बढ़ाई जा रही है. यह न केवल जनप्रतिनिधियों का अपमान है, बल्कि करोड़ों जनता की आकांक्षाओं और अधिकारों का भी उल्लंघन है. विधायक ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्होंने विधानसभा में तर्कों के साथ सवाल पूछे, बार-बार अनुशंसा की और जनता के साथ सड़क पर उतरकर आंदोलन किया, तब जाकर क्षेत्र के 114 प्रमुख ग्रामीण सड़कों के सुदृढ़ीकरण की स्वीकृति मिली.

मेरे बार-बार अनुशंसा पर स्वीकृत हुए सड़कें : विधायक ने कहा कि यह योजनाएं केवल सरकारी फाइलों का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि हमारे प्रयास व ग्रामीणों की बुनियादी जरूरतों से भी जुड़ी हुई हैं. इन सड़कों की कुल लंबाई 247.25 किलोमीटर है, जिनके लिए 189.38 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अभी तक अधिकांश सड़कों पर कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है. खासकर उन सड़कों की हालत सबसे अधिक जर्जर है, जो आवागमन के लिए अनिवार्य हैं. जिनमें सबसे महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण की आवश्यकता है, उनमें बक्सर-आरा एनएच-84 से गजरावां रोड, कृष्णाब्रह्म से गिरधरबरांव रोड, एनएच-30 से रूपसागर, धकाईच से अनुमंडल होते हुए कोरानसराय पुल, केसठ बस स्टैंड से सोनवर्षा एनएच-30 मोड़ और नावानगर से धवई उसरा मुख्य पथ शामिल हैं. मलई बराज परियोजना पर मेरे अनुशंसा पर दो सौ करोड रुपए की स्वीकृति प्रदान हुई. इसके लिए मैंने कई वर्षों से संघर्ष करता रहा. मेरे संघर्ष का परिणाम आज सामने है. डुमरांव राज हाइस्कूल के मैदान में स्टेडियम बनाने के लिए मैंने काफी दिनों से प्रयास कर रहा था. जिसका परिणाम है कि यह परियोजना दो दिन पहले स्वीकृत हुई है. ढाई करोड रुपये की लागत से स्टेडियम बनाया जायेगा.

कई प्रकार की योजनाओं में हो रही देरी : विधायक ने डुमरांव बाइपास और बिस्मिल्लाह खान कला विश्वविद्यालय का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने बताया कि करीब तीन वर्ष पूर्व इन दोनों योजनाओं की स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी आज तक न तो बाइपास के लिए जमीन दी गई है और न ही विश्वविद्यालय को क्रियान्वित किया गया है. उनके द्वारा इस शासन की घोर लापरवाही बताया गया. विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि एनडीए पक्ष के नेता शिलापट्टों को तोड़कर योजनाओं को अपनी उपलब्धि बताने के होड़ में लगे हुए हैं, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था की भावना के विरुद्ध है. उन्होंने कहा कि एनडीए के लोग केवल पत्थर तोड़ना नहीं, बल्कि जनादेश, जनप्रतिनिधित्व और लोकतंत्र का भी अपमान कर रहे है. विधायक ने कहा कि यह देरी केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष द्वारा रची गयी एक सोचा समझा और राजनीतिक साजिश है. उन्होंने कहा कि इसका जवाब जनता देगी. उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के सभी सड़कों पर यदि यथाशीघ्र काम नहीं लगता है तो मैं एक सप्ताह के अंदर रोड पर धरना प्रदर्शन करने का काम करूंगा.

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