Buxar News: मंत्री डॉ सुनील कुमार ने मंत्रों उच्चारण के साथ किया महर्षि विश्वामित्र पार्क का भूमि पूजन व शिलान्यास

बिहार के पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ सुनील कुमार ने रविवार को सोन नहर के स्केप चैनल के दोनों ओर महर्षि विश्वामित्र पार्क के निर्माण कार्य का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया.

By RAVIRANJAN KUMAR SINGH | August 25, 2025 5:21 PM

बक्सर

. बिहार के पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ सुनील कुमार ने रविवार को सोन नहर के स्केप चैनल के दोनों ओर महर्षि विश्वामित्र पार्क के निर्माण कार्य का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया. उन्होंने कहा कि बिहार की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार इन्हें लगातार उभारने और विकसित करने के प्रयास में है. इसी कड़ी में 23 अगस्त को कैमूर के मुंडेश्वरी, 24 अगस्त को रोहतास के गुप्ताधाम और 25 अगस्त को बक्सर में महर्षि विश्वामित्र पार्क के भूमि पूजन कर शिलान्यास का कार्य किया गया है. मंत्री डॉ सुनील कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में बक्सर शहरवासियों के लिए ऐसा कोई दर्शनीय स्थल उपलब्ध नहीं है, जहां लोग अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को समझने के साथ-साथ टहलने और पर्यटकीय सुविधाओं का लाभ उठा सकें. प्रस्तावित महर्षि विश्वामित्र पार्क का स्थल बक्सर शहर के मध्य में गंगा तट से सटा हुआ है. यहां नहर के दोनों ओर उपलब्ध चार्ट भूमि को शहरवासियों की सुविधा और सांस्कृतिक ज्ञानवर्धन के लिए विभिन्न जोन में विकसित किया जायेगा. उन्होंने बताया कि सोन नहर प्रमंडल की मुख्य नहर और उसकी ओवरफ्लो शाखा बक्सर नगर के बीच से होकर गुजरती है और नाथ बाबा मंदिर के पास गंगा नदी में विलय करती है. लेकिन शहरीकरण के दबाव में यह नहर अब ठोस और तरल अपशिष्ट का निस्तारण स्थल बन चुकी है, जिससे गंगा का पारिस्थितिकी तंत्र दूषित हो रहा है.यही नहीं, इस नहर की खाली पड़ी चार्ट भूमि पर आंशिक अतिक्रमण भी हो चुका है. ऐसे में नहर की लगभग एक किलोमीटर लंबाई वाले इस हिस्से पर पार्क निर्माण का निर्णय लिया गया है. मंत्री ने कहा कि बक्सर का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व बहुत समृद्ध रहा है. इसे प्राचीन काल में वेदगर्भपुरी और व्याघ्रसर के नाम से जाना जाता था.यह क्षेत्र ऋषियों के आश्रम और गुरुकुल परंपरा का केंद्र रहा है. प्रस्तावित पार्क स्थल पर ही महर्षि विश्वामित्र का आश्रम अवस्थित था, जिसे चरित्रवन कहा जाता था.यही कारण है कि इस पार्क का नाम महर्षि विश्वामित्र पार्क रखा गया है. इसके आसपास महर्षि गौतम, नारद, भृगु और उद्दालक जैसे ऋषियों के आश्रम रहे हैं. यही क्षेत्र पंचकोसी परिक्रमा के लिए प्रसिद्ध है. रामायण काल का उल्लेख करते हुए डॉ कुमार ने कहा कि त्रेता युग में घटित बालकांड का अधिकांश कथानक यहीं घटित हुआ था. महर्षि विश्वामित्र के यज्ञ की सुरक्षा हेतु भगवान राम और लक्ष्मण का आगमन, ताड़का-सुबाहु वध, बल-अतिबल विद्याओं में दीक्षा और वामन अवतार स्थल का भ्रमण इसी क्षेत्र से जुड़ा है. यहीं महर्षि विश्वामित्र आश्रम में गायत्री मंत्र की रचना हुई थी. इस स्थल की इस ऐतिहासिकता और आध्यात्मिकता को ध्यान में रखकर इसे पार्क के रूप में विकसित किया जायेगा. परियोजना के तहत नहर किनारे कचरे की सफाई कर वॉकिंग ट्रैक, पार्क, सिद्धाश्रम म्यूजियम या इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी . यहां रामायण प्रसंगों, वामन अवतार, आश्रम परंपरा और पंचकोसी परिक्रमा का चित्रण जीवंत कलाकृतियों और सूचना पैनलों के माध्यम से होगा. दूषित जल और कचरे के निस्तारण हेतु मिनी एसटीपी और बायो-रेमेडिएशन तकनीक का भी उपयोग होगा. साथ ही इलेक्ट्रॉनिक फाउंटेन के जरिए गायत्री मंत्र की ध्वनि तरंगों का प्रदर्शन और गंगा तट पर महर्षि विश्वामित्र की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाएगी. इसके अतिरिक्त तीन केबल आधारित हैंगिंग ब्रिज, ऑर्चिडेरियम, कैफेटेरिया, ग्रामीण हाट, किड्स प्ले जोन, ओपन जिम, ओपन एयर एम्फीथियेटर, योगा पार्क और जेन गार्डन भी विकसित होंगे. पार्किंग, पेयजल और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जायेगी. डॉ सुनील कुमार ने कहा कि यह परियोजना न केवल बक्सर के लोगों के लिए मनोरंजन और स्वास्थ्य का साधन बनेगी बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित कर पर्यटकों को भी आकर्षित करेगी. मंत्री ने इस अवसर पर राज्यवासियों से पौधारोपण करने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय भागीदारी की अपील की.उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन लाइफ और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जल-जीवन-हरियाली अभियान को जीवनशैली में अपनाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों विकास के पर्याय हैं और डबल इंजन की सरकार ने बिहार का कायाकल्प कर दिया है. उन्होंने लोगों से एनडीए सरकार को पुनः समर्थन देने का आह्वान करते हुए कहा कि बिहार के विकास की रफ्तार को और आगे बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है. कार्यक्रम का संचालन जिला परियोजना पदाधिकारी जिला गंगा समिति शैलेश राय ने किया. अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अभय कुमार द्विवेदी, वन संरक्षक पटना एस. सुधाकर, डीएफओ प्रदुमन गौरव, रेंजर सुरेश कुमार, डुमरांव पूर्व विधायक दिलमणी देवी, संजय सिंह राजनेता, भाजपा नेता डॉ राजेश सिन्हा, भाजपा जिला अध्यक्ष, वनपाल अभिषेक कुमार गुप्ता, ममता कुमारी, वनरझी नितीश कुमार, बिट्टू कुमार, अनु कुमारी, रंजन कुमार, केशव कुमार, संतोष कुमार, विपिन कुमार, अमरैन असगर, विंध्याचल रामशरण शामिल रहे.

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