अनुकंपा पर पीडीएस लाइसेंस लेने में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का आरोप
अनुकंपा के आधार पर जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकान का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर दस्तावेजी हेराफेरी किए जाने का गंभीर मामला सामने आया है.
डुमरांव. अनुकंपा के आधार पर जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकान का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर दस्तावेजी हेराफेरी किए जाने का गंभीर मामला सामने आया है. इस संबंध में ब्रह्मपुर प्रखंड के एकडार गांव निवासी पूर्व पंचायत समिति सदस्य सह आरटीआई कार्यकर्ता राकेश कुमार सिंह ने जिला कार्यालय अधीक्षक प्रकोष्ठ बक्सर व अनुमंडल अधिकारी, डुमरांव को लिखित शिकायत देकर जांच की मांग की है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ग्राम जवही जगदीशपुर निवासी भारत भूषण ओझा ने अपने पिता स्वर्गीय श्यामानंद ओझा (अनुज्ञप्ति संख्या 110/2016) के नाम से अनुकंपा पर पीडीएस दुकान अपने नाम कराने के लिए पूरे परिवार के आधार कार्ड, वोटर लिस्ट, पारिवारिक सूची एवं शपथ पत्रों में जन्मतिथि, नाम और उम्र से संबंधित भारी गड़बड़ी की है. शिकायत में लगाए गए प्रमुख आरोप स्वर्गीय श्यामानंद ओझा के दस्तावेजों में लगभग 20 वर्ष तक उम्र घटाकर आधार कार्ड, वोटर कार्ड और अंचल कार्यालय की पारिवारिक सूची में गलत जन्मतिथि दर्ज कराई गई. भारत भूषण ओझा की माता सितवंती देवी की उम्र आधार कार्ड में काफी कम दर्शायी गयी, जबकि वर्ष 2021 की वोटर लिस्ट में उनकी उम्र 77 वर्ष अंकित है. सबसे बड़ी बहन सस्ती देवी तथा दूसरी बहन नीतू देवी के आधार कार्ड में जन्मतिथि बदलने का आरोप है. नीतू देवी के दो अलग-अलग आधार कार्ड में जन्मतिथि में लगभग पांच वर्ष का अंतर बताया गया है. स्वयं भारत भूषण ओझा द्वारा भी अपने नाम, उम्र एवं पारिवारिक वरीयता में हेराफेरी कर दस्तावेज तैयार कराने का आरोप लगाया गया है. शिकायत में यह भी उल्लेख है कि भारत भूषण ओझा के पुत्र-पुत्री एवं अन्य छोटे भाई-बहनों के आधार और वोटर कार्ड में भी जन्मतिथि से छेड़छाड़ की गई है, जिसकी जांच सरकारी विद्यालयों के अभिलेखों से कराई जा सकती है. जांच व कार्रवाई की मांग : शिकायतकर्ता राकेश कुमार सिंह ने मांग की है कि वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट, सरकारी स्कूलों के अभिलेख और अन्य आधिकारिक दस्तावेजों से सभी तथ्यों का मिलान कर विस्तृत जांच करायी जाये. साथ ही, यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करते हुए अनुज्ञप्ति संख्या 110/2016 के अंतर्गत भरे गए आवेदन को रद्द किया जाए और वरीयता के आधार पर नए सिरे से पीडीएस लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू की जाये. मामला सामने आने के बाद स्थानीय क्षेत्र में चर्चा तेज हो गयी है. अब सभी की निगाहें प्रशासन की जांच और आगे की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं. इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि इस तरह की मामला संज्ञान में आया है और इसकी जांच चल रही है. जांच के दौरान यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पायी जाती है तो उस पर नियमानुसार करवाई की जायेगी.
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