दुष्कर्म के अभियुक्त को 20 वर्षों का कठोर कारावास
न्यायालय ने पीड़िता उसकी बच्ची एवं उसके निर्धन पिता को अलग से राशि देने का आदेश दिया है.
बक्सर कोर्ट़ पॉक्सो की विशेष अदालत ने ब्रह्मपुर थाना का कांड संख्या 480 /2023 तथा पॉक्सो मुकदमा संख्या 101 /2023 में नामजद अभियुक्त मिंटू कुमार, पिता परमहंस कुमार को 20 वर्षों के कठोर कारावास की सजा सुनायी. न्यायालय ने पीड़िता उसकी बच्ची एवं उसके निर्धन पिता को अलग से राशि देने का आदेश दिया है. बताते चलें कि पिछले दिनों न्यायालय ने अभियुक्त को विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया था तथा सजा के बिंदु पर फैसला सुरक्षित रखा था जिसे बुधवार को सुनाया गया. फैसला सुनाए जाने से पहले बचाव पक्ष ने न्यायालय से दया करते हुए कम सजा देने की प्रार्थना किया वहीं विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार सिंह ने ऐसी घटना को समाज एवं मानवता के मुंह पर काला धब्बा बताते हुए अधिकतम सजा देने का निवेदन किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने उक्त फैसला सुना दिया. मानवता को शर्मसार करने वाली थी घटना समाज एवं मानवता को पूरी तरह शर्मसार करने वाली इस घटना को ब्रह्मपुर में वर्ष 2023 में अंजाम दिया गया था जहां एक निर्धन दंपति खेतों में मजदूरी करने के लिए चले जाते थे तो पड़ोस का रहने वाला शादीशुदा एवं दो बच्चों का पिता मिंटू कुमार पिता परमहंस कुमार उसे अकेला पाकर घर में घुस जाता था तथा धमकी देकर 14 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म करता था. इस क्रम में पीड़िता गर्भवती हो गयी जब उसके शारीरिक बनावट में बदलाव आने लगा तो घर के लोग डॉक्टर के पास जांच के लिए ले गए जहां उसे गर्भवती बताया गया. पीड़िता ने बताया कि जब उसके माता-पिता खेत में काम करने के लिए चले जाते हैं तब बगल का रहने वाला मिंटू धमकी देकर उसके साथ गलत काम करता था. मामले को लेकर ब्रह्मपुर थाना में 6 अगस्त 2023 को प्राथमिकी दर्ज कराया गया तथा अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया़ गिरफ्तारी के समय से ही अभियुक्त जेल में है. मुकदमे की सुनवाई के दौरान पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया. कोर्ट ने अभियुक्त, पीड़िता एवं जन्मी बच्ची के खून के सैंपल की जांच कराया था तथा जिसमें अभियुक्त को ही जन्मे बच्ची का पिता बताया गया था. न्यायालय द्वारा अंतरिम राहत के रूप में 2 लाख रुपए का भुगतान सरकार से बच्चा जच्चा के परवरिश के लिए कराया गया था. परवरिश के लिए लाखों रुपए का मिलेगा सहयोग अनोखे तरह के ऐसे अपराध जिसमें कई लोग प्रभावित हुए हैं न्यायालय ने काफी दूरदर्शिता के साथ बच्ची एवं पीड़ित परिवार के परवरिश के लिए भी आदेश जारी किया है. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अमित कुमार शर्मा ने अभियुक्त पर 50 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है जिससे पीड़िता को देना होगा अगर अभियुक्त अर्थ दंड नहीं देता है तो उसे 20 वर्षों के अलावे एक वर्ष अतिरिक्त जेल में गुजारने होंगे. वहीं पांच लाख पीड़िता को तथा जन्मे बच्चों को 10 लाख रुपये के अनुदान के अलावे पीड़िता के पिता को परवरिश के लिए तीन लाख रुपए देने का आदेश भी दिया है. गौरतलब हो कि पूर्व में जन्मे बच्चे के लिए दो लाख रुपये की अंतरिम मुआवजा की राशि न्यायालय के आदेश पर दी गयी थी.
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