वन श्रमिकों ने कहा कार्यालय में हमेशा लटका रहता है ताला

बक्सर : वन क्षेत्र पदाधिकारी के विरुद्ध वन श्रमिकों ने नगर के कवलदह पोखरा परिसर में बैठक की गयी. वन श्रमिकों वन श्रमिकों ने वन क्षेत्र पदाधिकारी के तानाशाही रवैये को लेकर जमकर बरसे. अपनी समस्याओं को लेकर वन क्षेत्र के श्रमिकों ने जिलाधिकारी से लेकर वन प्रमंडल पदाधिकारी तक गुहार लगायी लेकिन अब तक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 24, 2019 5:37 AM

बक्सर : वन क्षेत्र पदाधिकारी के विरुद्ध वन श्रमिकों ने नगर के कवलदह पोखरा परिसर में बैठक की गयी. वन श्रमिकों वन श्रमिकों ने वन क्षेत्र पदाधिकारी के तानाशाही रवैये को लेकर जमकर बरसे.

अपनी समस्याओं को लेकर वन क्षेत्र के श्रमिकों ने जिलाधिकारी से लेकर वन प्रमंडल पदाधिकारी तक गुहार लगायी लेकिन अब तक इन्हें कहीं से कोई सहयोग प्राप्त नहीं हो सका.
उनकी मांगों में बकाया मजदूरी का भुगतान करना, एक हजार पौधों की सुरक्षा के लिए एक पशुरक्षक को रखने, मजदूरों को वरीयता के आधार पर काम में रखने, बैंक खाता द्वारा पारिश्रमिक भुगतान करने, नये कार्य का सृजन करने ताकि वन श्रमिक कार्य से वंचित न हो सके.
उन्होंने बैठक में आरोप लगाते हुए कहा कि वन क्षेत्र पदाधिकारी के कार्यालय में हमेशा ताला बंद रहता है और फोन करने पर भी बात नहीं करते हैं. अपनी समस्याओं को लेकर वन श्रमिकों का एक शिष्टमंडल वन प्रमंडल पदाधिकारी से मिलकर जनवरी, 2019 में मिला था. वन प्रमंडल पदाधिकारी के निर्देश के बावजूद अब तक वन श्रमिकों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है.
शिकायत करने पर वन क्षेत्र पदाधिकारी द्वारा हटाने की धमकी दी जाती है. वहीं अनुबंध पर रखे वनपालों को डराकर झूठा मास्टर रोल बनाकर श्रमिकों का पैसा से अपना जेब भरते हैं. गत 25 से 30 वर्षों से काम कर रहे हैं. बैठक में वन श्रमिकों ने सरकार से पीछे का मास्टर रोल की जांच करने की मांग की है.
उनका कहना है कि 15 आदमी की जगह पर पांच आदमी देखकर 10 आदमी का झूठा मास्टर रोल बनाकर पैसा अधिकारी अपने जेब में भरने का काम कर रहे हैं. बैठक में मुख्य रूप से सुरेंद्र कुमार सिंह, राजकिशोर, रामाधार राय, श्रवण कुमार यादव, ददन सिंह, जितेंद्र राय, हरेंद्र सिंह, बैजनाथ सिंह, ललन चौधरी, राजकुमार प्रसाद, बिहारी पासवान, नंदकुमार, जवाहर पासवान समेत अन्य शामिल रहे.

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