पांच सीटर सीएनजी ऑटो में 14 यात्री थे सवार, छह लोगों ने गंवायी जान
दक्षिण बिहार को झारखंड से जोड़ने वाली शेखपुरा-सिकंदरा मार्ग हादसों में मौतों वाली सड़क बनती जा रही है.
शेखपुरा. दक्षिण बिहार को झारखंड से जोड़ने वाली शेखपुरा-सिकंदरा मार्ग हादसों में मौतों वाली सड़क बनती जा रही है. इस सड़क मार्ग पर साल में कम से कम आधे दर्जन सड़क हादसे और उससे अधिक मौतें भी हो रही है. चकंद्रा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि व जदयू नेता रवि सिंह ने बताया की झारखंड के देवघर आने जाने के दौरान यात्री वाहनों की रफ्तार चेबाड़ा से शेखपुरा के बीच काफी अधिक होती है. ये रफ्तार सड़क हादसे का मुख्य कारण बन जाता. इसके साथ ही स्टोन कंपनियों से जुड़े पत्थर ढोने वाले वाहन से भी सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही है. सड़क मार्ग पर यातायात सुरक्षा के नाम पर कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में सड़क हादसे मौत का कारण बन रहा है. मंगलवार को उक्त सड़क मार्ग पर मिनिंडा गांव के समीप हुई भयावह सड़क दुर्घटना में छह लोगों की जिंदगी वाहनों के तेज रफ्तार के कारण चली गयी. दुर्घटना के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चेवाड़ा की ओर जा रही तेज रफ्तार हाइवा दूसरे वाहन को ओवरटेक कर आगे निकलने का प्रयास कर रही थी. इसी दौरान चेवाड़ा की ओर से आ रही 13 यात्रियों से भरी सीएनजी ऑटो भी तेज रफ्तार शेखपुरा की तरफ आ रही थी. हाइवा वाहन चालक ओवरटेक कर बांएं से दाहिने ओर चला गया, उधर दाहिने ओर आ रहा ऑटो जब सामने से तेज रफ्तार हाइवा आता देख दाहिने ओर चला गया और भयानक हादसा हो गया. जिससे चार लोगों ने घटना स्थल पर ही दम तोड़ दिया. जबकि हादसे के बाद आसपास के दौड़े ग्रामीणों ने घायलों को एंबुलेंस में लादकर शेखपुरा भेज दिया. वहीं इससे आक्रोशित लोगों ने घटना स्थल पर पत्थर रखकर सड़क जाम कर दिया. घटना की जैसे जैसे जानकारी मिली लोगों की भीड़ बढ़ती गयी. लोग पुलिस पदाधिकारियों के पहुंचने पर आक्रोश जताते हुए तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम लगाने की मांग की. हाल के दिनों में सीएनजी ऑटो की बेलगाम रफ्तार आम है. सड़कों पर तेज रफ्तार दौड़ते सीएनजी ऑटो की रफ्तार ऐसी होती है कि बाइक चालक भी इनके रफ्तार के आगे दम तोड़ते दिखती है. जबकि पांच सवारी क्षमता वाली इस वाहन में आठ से दस सवारियों को बिठाकर बेधड़क वाहनों को चालक रोजाना दौड़ाते नजर आते हैं. हादसे के शिकार हुए इस ऑटो पर चालक सहित कुल 14 लोग सवार थे. इस घटना में छह लोगों की जान चली गयी और आठ लोग घायल होकर अस्पताल में भर्ती हैं. वहीं, पत्थर धोने वाले हाइवा वाहनों के रफ्तार पर भी लगाम नहीं है और न ही हाइवा में कोई उपचालक यानी खलासी है. जिससे वाहनों के दुर्घटना होने की रफ्तार बढ़ गयी है. इस दिशा में परिवहन विभाग के अधिकारी भी शिथिल नजर आते हैं और वाहनों के रफ्तार पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. वाहनों के रफ्तार में दुर्घटना के समय आक्रोशित लोगों की बातें जरूर सुननी पडती है पर कार्रवाई शून्य नजर आता है. रोते-बिलखते बदहवास दिखे परिजन, हर किसी की आंखें हुईं नम : शेखपुरा चेवाड़ा सड़क पर मनिंडा गांव के समीप घटी सड़क दुर्घटना की जानकारी मिलते ही लोग बदहवास घटना स्थल की ओर दौड़े. जब परिजनों को शव और घायलों को शेखपुरा सदर अस्पताल ले लाने की जानकारी मिली तो अपने परिजन को देखने बदहवास अस्पताल पहुंचने लगे. बड़ी तादाद में लोगों के अस्पताल में पहुंचने से भारी भीड़ और अपने परिजनों की पहचान करने लगे. जैसे-जैसे मृतकों की पहचान हुई वैसे-वैसे पूरा अस्पताल परिसर चीत्कार में बदल गयी. कुछ घंटों में हाल यह हुआ कि सदर अस्पताल में जिधर भी नजर गयी लोग रोते-बिलखते बदहवास दिखे. इसे देखकर हर किसी की आंखें नम दिखी. अस्पताल परिसर पूरी तरह से भीड़ में तब्दील हो गयी. एक ओर ग्रामीणों की भीड़ पहुंच रही थी. दूसरी ओर पुलिस प्रशासन के पदाधिकारियों,स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और मीडिया कर्मियों की भीड़ में हर कोई गमगीन दिखा. सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले चेवाड़ा प्रखंड के धमसेना गांव निवासी राजकुमार साव दिल्ली में रहकर मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे. छठ पर्व के मौके पर वह अपने घर आए हुए थे. सोमवार को वह किसी काम से शेखपुरा बाजार आए हुए थे. परिवार के साथ अपने घर पर रहकर कुछ दिन गुजार रहे थे. इसी दौरान वह हादसे का शिकार हो गए.घटना के बाद सदर अस्पताल पहुंचे उनके बेटे और पत्नी दहाड़ मार कर रो रहे थे आखिर उन्हें अब कौन देखेगा. उनका जीवन बसर अब कैसे होगा.
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