बिहार राज्य आशा व आशा फेसिलेटर संघ ने रैली निकालकर सिविल सर्जन को सौंपा मांग पत्र
स्वास्थ्य कर्मियों ने लंबी अनिश्चितकालीन हड़ताल की वेतन कटवाया तब जाकर आशा का संगठन पूरे भारतवर्ष में बना था.
शेखपुरा. बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ एवं बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलेटर संघ जिला इकाई की ओर से शहर में रैली निकालकर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग के नाम सिविल सर्जन को मांग पत्र सौंपा गया. इस रैली की अध्यक्षता निर्मला कुमारी ने की. रैली को संबोधित करते हुए बिहार राज्य आशा एवं आशा फेसिलेटर संघ के जिला मंत्री निर्मला कुमारी ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को देय परितोषित की राशि को तिगुना करने का स्वागत करते हुए अनुरोध किया कि 12 अगस्त 2023 को विगत हड़ताल के दौरान हुए समझौते के अनुसार परितोषित राशि को मानदेय में परिवर्तित करते हुए बढ़ी हुई राशि का भुगतान 1 सितंबर 2023 से करने. बकाए राशि का एक मुश्त भुगतान मुख्यालय से करने, वित्तीय वर्ष 2022 – 23,23- 24 के बकाये राज्यांश की राशि सहित 1000 के बकाया पारितोषिक राशि का अविलंब भुगतान करने, आंगनबाड़ी सेविका सहायिका की तरह आशा की सेवानिवृत्ति उम्र 65 वर्ष करने ,रिटायरमेंट बेनिफिट 10 लाख रुपया तथा 10 हजार रुपया प्रतिमाह पेंशन की राशि की मांग वक्ताओं ने किया. वक्ताओं के द्वारा भारत सरकार से अविलंब लोकसभा में प्रश्नोत्तर काल में दिए गए जवाब के अनुकूल 2000 के बदले 3500 तथा बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि का भुगतान अविलंब करने के लिए आवंटन उपलब्ध कराने, आशा फैसिलेटर को 21 दिन के बजाय पूरे माह का भ्रमण भत्ता देने सहित योग्यताधारी आशा फैसिलेटर को बीसीएम में प्रोन्नत करने की मांग की गई. रैली को बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला मंत्री अनिल कुमार ने संबोधित करते हुए समर्थन करने का ऐलान किया तथा कहा कि पूरे भारतवर्ष में सबसे पहले आशा को बिहार चिकित्सा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के द्वारा संगठित किया गया. वर्ष 2007 में पटना छेको कार्यक्रम के तहत ऐतिहासिक संघर्ष को अंजाम दिया गया. फर्जी मुकदमे की तरह करीब 40 आदमी 36 दिनों जेल में बंद रहे. मुकदमा अभी भी चल रहा है. स्वास्थ्य कर्मियों ने लंबी अनिश्चितकालीन हड़ताल की वेतन कटवाया तब जाकर आशा का संगठन पूरे भारतवर्ष में बना था. उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं से छत में विदेशी राजनीतिक नेताओं से सचेत रहने की अपील की अंत में गगनवेदी नारे के साथ रैली की समाप्त की गई.
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