चमकी बुखार से बचाव को लेकर मुहिम तेज
जेई, एईएस जिसे चमकी बुखार भी कहा जाता है से बचाव के लिए बुधवार को जागरूकता रथ रवाना किया गया.
शेखपुरा. जेई, एईएस जिसे चमकी बुखार भी कहा जाता है से बचाव के लिए बुधवार को जागरूकता रथ रवाना किया गया. डॉ. अशोक कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखाकर सदर अस्पताल से इस जागरूकता रथ को रवाना किया. इस मौके पर जिला वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी श्यामसुंदर कुमार ने बताया कि इस रोग से बचाव के लिए सदर अस्पताल से जागरूकता रथ रवाना किया गया है, जो जिले के अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्र में घूम-घूम कर लोगों को इस बीमारी की जानकारी देंगे. इसके साथ ही इससे बचाव के तरीके भी बताएंगे. अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अशोक कुमार सिंह ने बताया कि अप्रैल से लेकर जुलाई तक 1 से 15 वर्ष के बच्चों को यह रोग ज्यादा प्रभावित करता है. इससे बचने के लिए कड़ी धूप में बाहर न निकले, पूरा शरीर को धूप से बचा कर रखें, रात में सोने से पहले खाना जरूर खाए, संभव हो तो कुछ मीठा भी खिलाएं. वहीं अगर बेहोशी की हालत में बच्चा चमक रहा है तो तुरंत आशा कार्यकर्ता या निशुल्क 102 पर डायल कर इसकी जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों को दें ताकि जाने से जल्दी बच्चे का इलाज किया जा सके. यह बीमारी मुख्य तौर पर मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली, पटना, मोतिहारी, गया, नालंदा, तथा नवादा में देखा जाता है. शेखपुरा जिले में 2019 से 2024 में अभी तक मात्र एक मरीज की पहचान हुई है. इस रोग से बचाव को लेकर जिला स्तर पर गठित टास्क फोर्स की बैठक में कर ली गई है. प्रखंडों में सभी दवाई उपलब्ध करा दी गई है.
जिला पशुपालन कार्यालय में किसानों के बीच बकरी का वितरण
शेखपुरा. गिरिहिंडा स्थित जिला पशुपालन कार्यालय में बकरी का वितरण किया गया. समेकित बकरी और भेड़ विकास योजना के तहत लाभुको के एक परिवार में तीन बकरी वितरण किया गया.जिले में 29 यूनिट बकरी का वितरण का लक्ष्य है. जिसके विरुद्ध बुधवार को 10 यूनिट बकरी का वितरण किया गया. सभी वितरित बकरी ब्लैक बंगाल किस्म की है जो अधिक दूध के साथ कम समय ज्यादा वजन होती. इसको लेकर लाभुकों को ब्लैक बंगाल किस्म का बकरी का वितरण किया गया. इस संबंध में जिला पशुपालन पदाधिकारी राजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि जिले में 29 यूनिट बकरी अनुदानित दर पर वितरित करना है. जिसके पहले फेज के तहत 10 यूनिट बकरी का वितरण किया गया. उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग के लाभुकों को 80 प्रतिशत तो एसएसी/एसटी वर्ग के लाभुकों को 90 प्रतिशत अनुदान के दर पर बकरी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि 15 हजार रुपया प्रति यूनिट का यह योजना है. उन्होंने कहा कि बकरी गरीबों का एटीएम कहा जाता है.जहां एक परिवार को तीन प्रजनन योग्य बकरी वितरित किया गया. उन्होंने कहा कि बकरी पालन के माध्यम से गरीब परिवारों को लाभ पहुंचाए जाने के उद्देश्य यह योजना चलाई जा रही है.आपको बता दे कि शेखपुरा में बीपीएल कार्ड धारकों के लिए बकरी पालन एक बेहतर रोजगार का साधन है. जबकि अनुदानित दर पर बकरी मिलने में लाभुको ने प्रसन्नता जाहिर किया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
