बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में भागलपुर से किंगपिन गिरफ्तार, दरभंगा से भी जुड़े धांधली के तार
बिहार सिपाही बहाली परीक्षा के पेपर व उत्तर पत्र लीक करनेवाले गिरोह के कई सदस्यों की गिरफ्तारी लगातार हो रही है. भागलपुर से इस गिरोह का एक किंगपिन गिरफ्तार किया गया है जबकि दरभंगा से भी इस धांधली के तार जुड़ते दिख रहे हैं. जानिए क्या खुलासा हुआ...
Bihar Constable Exam Paper Leak: बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गिरोह के सदस्यों की धरपकड़ लगातार जारी है. पटना पुलिस ने नवादा क्यूआरटी में तैनात पुलिस के एक जवान को पिछले दिनों गिरफ्तार किया है जिसके पास से कई अहम जानकारी सामने आयी है. इस धांधली मामले में अभी तक 150 से अधिक गिरफ्तारी की जा चुकी है. इओयू पूरे मामले की जांच में लगी है. वहीं पुलिस इस जानकारी को जुटाने में लगी है कि सबसे पहले आंसर को किसने अपने मोबाइल से फॉरवर्ड किया था. गिरफ्तार जवान से पूछताछ में भी कई बातें सामने आयी है. सिपाही बहाली में गिरफ्तार नालंदा पुलिस बल के कांस्टेबल कमलेश की नौकरी भी जाने का खतरा मंडराने लगा है. उसकी गिरफ्तारी के बाद यह आशंका जतायी जा रही है कि कहीं उसने भी दो साल पहले फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल तो नहीं की थी? इसकी भी जांच पुलिस करेगी. वहीं लखीसराय में सरगना की गिरफ्तारी के बाद अब भागलपुर में एक और युवक को गिरफ्तार किया गया जो इस खेल का हिस्सा बना हुआ था. एक के बाद एक करके लगातार गिरफ्तारी हो रही है.
गिरोह का सरगना या मास्टरमाइंड कौन है? चलेगा पता..
बिहार सिपाही बहाली परीक्षा में धांधली मामले में गिरफ्तार किए गए जवान कमलेश को जेल भेज दिया गया है. वह मूल रूप से गया का रहने वाला है और इसे नालंदा के परीक्षा माफिया गिरोह के एक सदस्य ने आंसर भेजा था. जिसने वह आंसर भेजा था, वह गिरोह से अभ्यर्थियों का सेटिंग कराने का काम करता है. इसके पकड़े जाने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि गिरोह का सरगना या मास्टरमाइंड कौन है? सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने नालंदा जिले में उसके घर पर छापेमारी की लेकिन वह फरार मिला. कमलेश ने अपने बहनोई के साथ ही अपने भाई को भी परीक्षा पास कराने की सेटिंग की थी. उसके भाई की परीक्षा सात अक्टूबर को होनी थी. कंकड़बाग थाना की पुलिस ने कमलेश को बिहारशरीफ से पकड़ा था और जेल भेज दिया था. इसे निलंबित कर दिया गया है. इसने अपने बहनोई मनु उर्फ मोनू को आंसर भेजा था. साथ ही आधा दर्जन और अभ्यर्थियों को भी आंसर भेजने की पुष्टि हुई है. कांस्टेबल के मोबाइल फोन को पुलिस खंगाल रही है.
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दरभंगा से आया था आंसर, खुलेंगे कई राज
वहीं बिहार सिपाही बहाली परीक्षा पेपर लीक मामले के तार दरभंगा से भी जुड़ने लगे हैं. सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार रजनीश के मोबाइल फोन की जांच में भी कई अहम जानकारियां पुलिस को हाथ लगी हैं. रजनीश के पास दरभंगा के परीक्षा गिरोह के सदस्य ने आंसर भेजा था. दरभंगा पुलिस उसे पकड़ने में लगी है.
भागलपुर से किंगपिन की गिरफ्तारी
बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक मामले में भागलपुर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र और आंसर की उपलब्ध कराने वाले एक किंग पिन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार अभियुक्त कजरैली थाना के गौराचौकी गांव का रहने वाला रंजीत कुमार है. उससे की गयी पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. उसके पास से चार अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र भी मिले हैं. शहर की तिलकामांझी थाना पुलिस ने गुरुवार को अपने बयान पर गिरफ्तार आरोपित रंजीत कुमार से बरामद प्रवेश पत्र के आधार पर चारों अभ्यर्थियों को भी मामले का नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इनमें सबौर के चंदेरी का अभिनव कुमार, सिमाना चटैया परशुरामपुर निवासी कुंदन कुमार, फतेहपुर नवटोलिया निवासी रोहित कुमार और मुंगेर के सिंघिया निवासी विक्रम कुमार शामिल हैं.
चार अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र बरामद
तिलकामांझी थानाध्यक्ष एसआइ सुशील राज ने बताया कि एक अक्तूबर को सिपाही प्रवेश परीक्षा वाले दिन गश्ती के दौरान डीआइयू सेल की ओर से सूचना मिली थी कि प्रश्न पत्र को लीक करने वाला तिलकामांझी क्षेत्र में घूम रहा है. उस दिन उक्त युवक को पकड़ने का काफी प्रयास किया गया. मगर वह हाथ नहीं लगा. इसके बाद 4 अक्टूबर को देर शाम डीआइयू सेल ने प्रश्न पत्र लीक करने वाले आरोपित की विस्तृत जानकारी और पता की जानकारी दी. इसके बाद देर रात कजरैली के गौराचौकी गांव पहुंचे. जहां से रंजीत कुमार को पकड़ लिया गया. उसके पास से चार अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र बरामद किया गया. पूछताछ के दौरान उसने प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार भी कर ली है.
पकड़े जाने के डर पहले ही डिलीट कर दिया था मैसेज और कॉल लॉग
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार अभियुक्त रंजीत कुमार के पास से उसका मोबाइल नंबर भी बरामद किया गया है. जिसका उपयोग उसने प्रश्न पत्र को लीक करने के लिए इस्तेमाल किया था. पर मोबाइल फोन से कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले. सख्ती से पूछताछ के दौरान उसने बताया कि प्रश्न पत्र लीक करने के बाद उसने जिन लोगों को प्रश्न पत्र भेजा था उनके सारे मैसेज और कॉल लॉग को डिलीट कर दिया था. इधर. पुलिस ने उसके मोबाइल को जांच के लिए तकनीकी सेल को सौंप दिया. पुलिस को भरोसा है कि उक्त मोबाइल के माध्यम से पुलिस प्रश्न पत्र लीक मामले के कई आरोपितों को दबोच सकेगी.
