Bettiah : पुत्र की लंबी आयु को महिलाओं ने रखा जीतिया व्रत
वाल्मीकिनगर को स्पर्श कर बहने वाली नारायणी गंडकी के पावन जल में रविवार को सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने आस्था की डुबकी लगाई और पूजा अर्चना कर अपने पुत्रों के लंबी आयु का आशीर्वाद मांगा.
वाल्मीकिनगर. वाल्मीकिनगर को स्पर्श कर बहने वाली नारायणी गंडकी के पावन जल में रविवार को सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने आस्था की डुबकी लगाई और पूजा अर्चना कर अपने पुत्रों के लंबी आयु का आशीर्वाद मांगा. बता दें कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी से नवमी तिथि तक जितिया पर्व मनाया जाता है. इस दिन व्रत का खास महत्व होता है. जिसे महिलाएं अपनी संतान की मंगल कामना और लंबी आयु के लिए रखती है. इस बाबत पं. कामेश्वर तिवारी ने बताया कि इस व्रत को करते समय केवल सूर्योदय से पहले ही खाया पिया जाता है. सूर्योदय के बाद आपको कुछ भी खाने-पीने की सख्त मनाही होती है. यह निर्जला व्रत होता है. व्रत का पारण अगले दिन प्रात: काल किया जाता है. आश्विन मास की कृष्ण अष्टमी को प्रदोष काल में महिलाएं जीमूतवाहन की पूजा करती है. माना जाता है जो महिलाएं जीमूतवाहन की पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करती है उनके पुत्र को लंबी आयु व सभी सुखों की प्राप्ति होती है. पूजन के लिए जीमूतवाहन की कुशा से निर्मित प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित किया जाता है और फिर पूजा करती है. इसके साथ ही मिट्टी तथा गाय के गोबर से चील व सियारिन की प्रतिमा बनाई जाती है. जिसके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाया जाता है. पूजन समाप्त होने के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी जाती है. पुत्र की लंबी आयु, आरोग्य तथा कल्याण की भावना से महिलाएं इस व्रत को करती है.
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