जिला निबंधन कार्यालय में तकनीकी खराबी, क्रेता-विक्रेता परेशान
जिला निबंधन कार्यालय में पिछले चार दिनों से क्रेता-विक्रेता वर्ग को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बेतिया. जिला निबंधन कार्यालय में पिछले चार दिनों से क्रेता-विक्रेता वर्ग को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. भूमि निबंधन शुल्क का चालान सही तरीके से प्रदर्शित न होने के कारण दस्तावेज निबंधन का कार्य बुरी तरह प्रभावित हो गया है. सूत्रों के अनुसार, सर्वर की धीमी गति इस समस्या की मुख्य वजह है, जिसके चलते कार्यालय में आने वाले लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. जिला निबंधन कार्यालय, जो सामान्य दिनों में प्रतिदिन 100 से 125 दस्तावेजों का निबंधन करता है, वहां अब यह संख्या घटकर मात्र 50 से 75 तक सिमट गई है. इससे न केवल समय की बर्बादी हो रही है, बल्कि आर्थिक नुकसान भी हो रहा है. एक स्थानीय क्रेता ने बताया, हम लोग सुबह से चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन चालान जेनरेट ही नहीं हो रहा. सर्वर हैंग हो जाता है और कोई समाधान नहीं मिल रहा. इसी तरह, एक विक्रेता ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि इस देरी से उनके सौदे पर असर पड़ रहा है, क्योंकि समय पर निबंधन न होने से कानूनी जटिलताएं बढ़ सकती हैं. अवर निबंधन पदाधिकारी गिरीश चंद्र ने बताया कि शनिवार से कुछ समस्या उत्पन्न हुई है. लेकिन सर्वर की गति धीमी होने से कार्य प्रभावित हुए है. फिर भी निबंधन का कार्य सामान्य तरिके से संपन्न हो रहा है. उन्होंने जानकारी दी कि वित्त विभाग के स्तर पर हीं तकनीकी दिक्कत है. हमने वित्त विभाग को इस बात से अवगत करा दिया है. हालांकि जानकारों की मानें तो यह समस्या केवल एक जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य के कई जिलों में समान शिकायतें दर्ज की जा रही हैं. भूमि निबंधन प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित होने के बावजूद, पुरानी तकनीकी व्यवस्था के कारण ऐसी बाधाएं आ रही हैं. जानकारों का मानना है कि राज्य सरकार को तत्काल सर्वर क्षमता बढ़ाने और वैकल्पिक बैकअप सिस्टम लागू करने की आवश्यकता है, ताकि आम जनता को राहत मिल सके. इस मामले में जिला प्रशासन ने प्रभावित पक्षों से धैर्य रखने की अपील की है और कहा है कि समस्या का समाधान शीघ्र ही हो जाएगा.
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