गैर इरादतन हत्या में एक को सात वर्ष की सजा
एडीजे तृतीय योगेश कुमार गोयल ने एक अभियुक्त जहांगीर मियां उर्फ जहांगीर आलम को दोषी पाते हुए उसे सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई है, वही उसके ऊपर पचास हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है.
बेतिया. गैर इरादतन हत्या के एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए एडीजे तृतीय योगेश कुमार गोयल ने एक अभियुक्त जहांगीर मियां उर्फ जहांगीर आलम को दोषी पाते हुए उसे सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई है, वही उसके ऊपर पचास हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है. वहीं इस मामले में बनाए गए चार अभियुक्त नूरजहां खातून, झूना मियां, असलम मियां तथा खुश मोहम्मद मियां को सिर्फ भादवि की धारा 323 में दोषी पाते हुए उन्हें छह महीने कारावास की सजा सुनाई है. अपर लोक अभियोजक कन्हैया प्रसाद ने बताया कि कांड के सूचक साथी थाना क्षेत्र निवासी फिरोज मियां 25 में वर्ष 2023 को अपने भतीजे की बारात लेकर दोनवार गांव गए हुए थे. जब बारात डीजे के साथ अभियुक्तों के दरवाजे से गुजर रहा था तभी अभियुक्तों के द्वारा डीजे बजाने से मना किया गया. उसके बाद सभी मिलकर फिरोज मियां को मारपीट करने लगे. फिरोज मियां को बचाने उसका लड़का रिजवान मियां आया तो सजायाफ्ता जहांगीर मियां लोहे के रॉड से उसके सर पर मारकर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया. इलाज के लिए बेतिया ले जाने के क्रम में रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई. इसी मामले को लेकर फिरोज मियां ने एफआइआर दर्ज कराया था. इसी मामले की सुनवाई पूरी करते हुए न्यायाधीश ने यह सजा सुनाई है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
