Bettiah : बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म का प्रयास करने के मामले में बुजुर्ग को पांच वर्ष की सजा
नामजद अभियुक्त मुखलाल गिरी को दोषी करार दिया है.
By DIGVIJAY SINGH |
December 21, 2025 10:27 PM
— न्यायालय ने पीड़िता को प्रतिकार के रूप में दो लाख रुपए भुगतान करने का भीं दिया निर्देश
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बेतिया . अपर जिला सत्र न्यायाधीश सप्तम सह पाक्सो अधिनियम के विशेष न्यायाधीश जावेद आलम ने सात वर्षीय बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किये जाने के मामले की सुनवाई पूरी करते हुए कांड के नामजद अभियुक्त मुखलाल गिरी को दोषी करार दिया है. शनिवार को सजा के बिंदु पर बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने अभियुक्त मुखलाल गिरी को भादवि की धारा- 366, 366(ए) तथा पोक्सो अधिनियम की धारा-08 और धारा-10 में पांच-पांच वर्ष तथा धारा- 354 में तीन वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. न्यायाधीश ने सजायाफ्ता पर चार धाराओं में दो-दो हजार तथा धारा 354 में एक हजार कुल नौ हजार रुपये अर्थदंड भी भी लगाया है. फैसले में न्यायाधीश ने कहा है कि अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा बढ़ा दी जाएगी. जबकि धारा-354 में एक हजार जुर्माना भुगतान नहीं करने पर पन्द्रह दिन का सजा बढ़ा दी जाएगी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. सजायाफ्ता मुखलाल गिरी सहोदरा थाने के प्रेमनगर निवासी बताया गया है. मुआवजा के विषय पर बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने पीड़िता को प्रतिकार के रूप में दो लाख रुपए भुगतान करने का आदेश सरकार को दिया है. उपरोक्त मामलों के विशेष लोक अभियोजक राजेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि घटना 14 अक्टूबर 23 की है. पीड़िता की मां अपने मायके गई हुई थी, तभी मोबाइल पर उसे सूचना दी गई कि उसकी सात वर्षीय बेटी नहीं मिल रही है. तब वह अपने गांव में पहुंची और परिजनों के साथ बच्ची की ढूंढना शुरू कर दी. इसी दौरान उसे पता चला कि गांव का मुखलाल गिरी बच्ची को कहीं ले गया है. पीड़िता की मां और परिजनों को लेकर मुखलाल गिरी के घर पहुंची तो देखें कि मुखलाल गिरी बच्ची को नंगाकर उसके साथ सोया है और गलत कार्य करने का प्रयास कर रहा है. पीड़िता की मां को देखकर मुख लाल गिरी भागने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को सुपुर्द कर दिया. मां ने बच्ची को कपड़ा पहना कर उसे थाने पर ले गई. लिखित आवेदन पर सहोदरा थाने की पुलिस ने कांड संख्या 122/23 दर्ज कर लिया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया है.
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