नकलों की हो रही प्रस्तुति, शनिवार से तीन दिवसीय जिउतिया व्रत की होगी शुरूआत
लोक कलाकारों में दिख रहा उत्साह व उमंग का माहौल
लोक कलाकारों में दिख रहा उत्साह व उमंग का माहौल
दाउदनगर. दाउदनगर के ऐतिहासिक, धार्मिक व सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण जिउतिया व्रत को लेकर लोगों में उत्साह व उमंग का वातावरण छाया हुआ है. यहां जिउतिया पर्व अनोखे तरीके से मनाने की परंपरा चली आ रही है. वैसे तो तीन दिवसीय जिउतिया व्रत की शुरूआत शनिवार को नहाय खाय के साथ होगी, लेकिन उससे पहले से ही दाउदनगर शहर का जिउतिया अपने रंग में रंगता जा रहा है. लोक कलाकारों द्वारा स्वांग कला का प्रदर्शन किया जा रहा है. शहर में पुराना शहर चौक, कसेरा टोली चौक, पटवा टोली इमली तल चौक व बाजार चौक पर भगवान जिमूतवाहन का मंदिर स्थित है. तीन चौकों पर ओखली स्थापित कर भगवान जिमूतवाहन की पूजा अर्चना की जा रही है. पटवा टोली इमली तल चौक पर भी ओखली स्थापित किया जाना है. इधर, स्थिति यह है कि स्थानीय लोक कलाकार तरह-तरह के स्वांग कला का प्रदर्शन कर रहे है. व्रत के दिन आधी रात में कसेरा टोली जिमूतवाहन चौक पर लोहा के गर्म पिंड को दांत से उठाने, लोहा के गर्म सिक्कड़ को हाथ से दुहने, पटवा टोली इमली तल चौक पर ब्रह्म बाबा, डाकिनी, मुड़ीकटवा जैसे साहसिक व पारंपरिक नकलों की प्रस्तुति की जायेगी. स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा पूरे पर्व के दौरान एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज कारनामे किये जाते है. स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा अपने पूरे शरीर में चाकू, सूई और तलवार लगाने जैसे साहसिक और रोमांचक कारनामे भी दिखाये जाते है. दम मदाड़ की प्रस्तुति दी जाती है. आखरी तीन दिनों के दौरान नकलों की भरमार सी रहती है. संदेशपरक झांकियां भी निकाली जाती है. हालांकि, अब कुछ पारंपरिक नकलें विलुप्त सी होती जा रही है.रविवार को व्रत और सोमवार को पारण
शनिवार को जीवित पुत्रिका व्रत की शुरूआत नहाय खाय से होगी. रविवार को व्रत और सोमवार को पारण है. जिउतिया पर्व को लेकर बाजार में भीड़-भाड़ और चहल-पहल बढ़ी हुई है. महिलाएं बाजार में जाकर व्रत से संबंधित सामग्रियों की खरीदारी कर रही है. शनिवार को मडुआ की आटा की रोटी, नोनी का साग और सतपुतिया सब्जी भोजन में ग्रहण किया जायेगा. शहर के चुड़ी बाजार, चावल बाजार, बाजार चौक, पटवा टोली रोड, भखरूआ मोड़ समेत अन्य इलाकों में पूजन सामग्रियों की दुकानें लगी हुई है. जेवर दुकानों पर भी भीड़ देखी जा रही है. रविवार यानी अष्टमी को महिलाएं उपवास रखकर पूजा करेंगी. भगवान जिमूतवाहन के चारों चौकों में से किसी एक चौक पर जाकर सोना-चांदी या सूता से बना जिउतिया रखकर माताएं भगवान जिमूतवाहन की पूजा अर्चना करेंगी.जिउतिया लोकोत्सव की तैयारी
जिउतिया पर्व को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर कई नकल अभिनय प्रतियोगिता समितियों द्वारा प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. नगर पर्षद द्वारा नप कार्यालय परिसर में जिउतिया लोकोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी तैयारी अंतिम चरण में है. नकल प्रतिभागी प्रतियोगिता मंचों पर पहुंचकर अपनी प्रतिभा को दिखाते है. उन्हें पुरस्कृत किया जाता है.14 सितंबर को उपवास
आचार्य पंडित लालमोहन शास्त्री ने बताया कि 14 सितंबर रविवार को जिउतिया पर्व का उपवास है. उत्तर प्रदेश और बिहार में प्रकाशित होने वाले पंचाग के अनुसार 14 सितंबर को जिउतिया पर्व मनाने का निर्णय लिया गया है. आश्विन शुक्ल पक्ष की अष्टमी को जिउतिया पर्व मनाया जाता है. रविवार की प्रात: 8:41 बजे अष्टमी शुरू हो रहा है, जो अगले दिन सोमवार शेष रात सूर्योदय से पहले 6:47 बजे तक रहेगा. सूर्योदय 5:54 बजे हो रहा है. सोमवार को 6:27 बजे से नवमी शुरू हो रहा है और मंगलवार को 4:24 बजे नवमी समाप्त होगा. उन्होंने बताया कि शनिवार को 11:5 बजे स्नान कर परंपरा के अनुसार सात्विक भोजन करें. रविवार को माताएं 24 घंटे के लिए निर्जला उपवास करेंगी. सोमवार को प्रात:5:54 बजे के बाद अपनी परंपरा के अनुसार पारण करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
