सांकेतिक भाषा से नोडल शिक्षक होंगे सशक्त
श्रवण नि:शक्त बच्चों को होगी सहूलियत
श्रवण नि:शक्त बच्चों को होगी सहूलियत औरंगाबाद ग्रामीण. बारुण प्रखंड के केशव उच्च माध्यमिक विद्यालय में चल रहे समावेशी शिक्षा संभाग द्वारा संचालित नोडल शिक्षकों का तीन दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण के तीसरे चरण के आखिरी दिन सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण बीआरपी लाल बहादुर द्वारा दिया गया, जिसे बड़े ही उत्सुकता के साथ नोडल शिक्षकों ने सीखा और बारी-बारी अभ्यास किया. उन्होंने कहा कि अब हमारे विद्यालयों में श्रवण नि:शक्त बच्चों की आवश्यकता, भावनाएं समस्याओं को समझने में सहूलियत होगी साथ ही हम सभी उनको जरूरतों को पूरा कर सकेंगे. प्रथम दिवस में परिचय सत्र एवं सामान्य शिक्षकों को दिव्यांग जनों को होने वाले कठिनाइयों से अवगत कराया गया. शिक्षिका स्वेता, अंजू बाला, भावना, उत्कर्ष व अनुज ने बताया कि आंख पे पट्टी बंध जाने पे कुछ आभाष ही नहीं हो रहा था. लग रहा था सब कुछ अंधकार हो गया हैं. जब हम लोगों को ऐसी अनुभूति हुई तो ऐसे दृष्टि दिव्यांग को कितना कठिन जीवन हो जाता होगा जिनके आंख कि रोशनी ही जन्मजात नहीं हैं. निश्चित रूप से ऐसे बच्चों की पहचान के साथ मदद बहुत जरूरी हैं. सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण हम सब के लिए नया हैं अब हमलोग अपने विद्यालयों के श्रवण नि:शक्त बच्चों कि जरूरतों को अवश्य ही समझा पाऊंगी. समावेशी शिक्षा के प्रशिक्षण में संसाधन शिक्षक राकेश कुमार, नमिता कुमारी, प्रीति कुमारी, आकांक्षा सिंह, श्रेया चौरसिया, सागर कुमार, उत्कर्ष कुमार, श्वेता कुमारी,जागृति पाण्डेय, पूनम सिंह, रेखा यादव प्रियंका रंजन, अंजू बाला सिंह, कुमारी अंजू, चूमचुम कुमारी सरिता कुमारी, सुनीता, नीलू कुमारी, अनुज कुमार, सुनीता, कुमारी,अंकिता तिवारी, काजल भारती, पूजा कुमारी, मंजू, अर्चना, ऊषा वाला चौधरी, सारिका कुमारी, पूनम कुमारी, स्मिता कुमारी, प्रवीण अर्चना त्रिपाठी, शमा मुशर्रफ, संध्या कुमारी सोनी प्रियंका, प्रभा कुमारी आंचल कुमारी बबिता कुमारी शिव प्रसाद फरहाना मजहर आदि उपस्थित थे.
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