युवावस्था की कड़ी मेहनत जीवन भर रंग बिखेरती है : अभय
श्री भागवत प्रसाद सिंह मेमोरियल फार्मेसी काॅलेज में ओरिएंटेशन कार्यक्रम का हुआ आयोजन
श्री भागवत प्रसाद सिंह मेमोरियल फार्मेसी काॅलेज में ओरिएंटेशन कार्यक्रम का हुआ आयोजन औरंगाबाद कार्यालय. औरंगाबाद जिले के देव मोड़ स्थित श्री भागवत प्रसाद सिंह मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन के बी फार्मा सत्र 2025-29 का ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन हुआ. उद्घाटन श्री भागवत प्रसाद सिंह ग्रुप ऑफ कॉलेज के निदेशक अभय कुमार सिंह, प्राचार्य डॉ विवेक कुमार सिंह व शिक्षकों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कार्यक्रम की शुरुआत फार्मेसी में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की प्रस्तुति से हुई. इस अवसर पर कॉलेज के निदेशक श्री सिंह ने कहा कि युवावस्था मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है. इस अवस्था में ईमानदारी से की गयी कड़ी मेहनत जीवन भर रंग बिखेरती है. यदि ऐसे बहुमूल्य समय का सद्पयोग युवा कर लें तो जीवनभर की तमाम समस्याओं का समाधान हो जाता है. सब कुछ घर में नहीं मिलता है. कुछ सीखने, समझने के लिए बाहर आना-जाना पड़ता है. फार्मेसी कॉलेज के माध्यम से युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा देना हमारा लक्ष्य है. कोरोना महामारी के दौरान जब घर में परिवार के सदस्य एक दूसरे से दूरी बनाकर रहते थे तब फार्मासिस्ट जिंदगी से खेलते हुए निडर होकर दवाओं का निर्माण कर रहे थे. मानव के स्वास्थ्य सुरक्षा में फार्मासिस्ट की भूमिका बार्डर पर सैनिक, क्लास रूम में शिक्षक व हास्पिटल में डॉक्टर से बढ़कर होती है. आप सभी अभी युवा है. अभी बहुत कुछ करने, सीखने व आगे बढ़ने का अवसर हैं इसके लिए आपको दृढ़ संकल्प के साथ पढ़ाई व प्रैक्टिकल करना होगा. श्री भागवत प्रसाद सिंह मेमोरियल बीएड कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार यादव ने कहा कि हमें अपने जरुरी कार्यों का निर्धारण करना चाहिए. उस पर नियमित मेहनत करने के बाद सफलता मिलती है. इससे पहले श्री भागवत प्रसाद सिंह मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन के प्राचार्य डॉ विवेक कुमार सिंह ने कहा कि औषधि विज्ञान की शुरुआत भारतीय साहित्य के अनुसार गुरु धन्वंतरि से जुड़ा है. चिकित्सा क्षेत्र में प्रयोग होने वाले शब्द ड्रग्स और मेडिसिन में अंतर होता है. ड्रग्स मूल तत्व होता है जिसके समुचित अनुपात समानुपात के आधार पर मेडिसिन फार्मास्युटिकल लैब में फार्मासिस्ट ही तैयार करते हैं. मेडिसिन संबंधित बीमारी में सीधे उपयोग किया जाता है किन्तु ड्रग्स नहीं. फार्मेसी कॉलेज में बी फार्मा की पढ़ाई के दौरान विभिन्न लैब में इसी का प्रशिक्षण दिया जाता है. छह माह के सेमेस्टर में दो सेशनल एक्जाम, प्रत्येक विषय के कम से कम 40 लैब क्लास, औषधि निर्माण की प्रक्रिया, बीमारी के अनुसार खुराक का निर्धारण, औषधि की समाप्ति तिथि का आधार, फार्मासिस्ट के लिए सावधानियां आदि पर विस्तृत जानकारी पठन-पाठन में दी जाती है. हमारे यहां की प्रत्येक लैब में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फर्स्ट एड बॉक्स और एसओपी रखा हुआ है. फार्मेसी के शिक्षक अमरेंद्र कुमार द्वारा सत्र 2025-29 में नवनामांकित बी फार्मा के छात्र-छात्राओं व आये अभिभावकों को कॉलेज से परिचित कराकर चार वर्षीय बी फार्मा पाठ्यक्रम की विस्तृत जानकारी साझा की. मंच संचालन फार्मेसी की छात्रा साक्षी कुमारी व शीतल कुमारी तथा धन्यवाद ज्ञापन शिक्षिका मोना सिंह ने दिया. इस अवसर पर फार्मेसी कॉलेज के विभागाध्यक्ष मनीष कुमार, ब्रजेंद्र कुमार, डॉ रितेश कुमार, मनीष कुमार, विनय कुमार, देवेंद्र कुमार त्रिपाठी, शैलेश कुमार, मुकेश सिंह, बब्लू कुमार, शिवशंकर आदि उपस्थित थे.
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