देवकुंड–हसपुरा मार्ग की दुर्दशा देख भड़के युवा, आंदोलन का ऐलान
गांव–गांव तक पहुंचा सड़क नहीं तो वोट नहीं का संदेश
गांव–गांव तक पहुंचा सड़क नहीं तो वोट नहीं का संदेश
गोह. औरंगाबाद जिले के देवकुंड–हसपुरा सड़क की दुर्दशा अब आंदोलन का रूप लेने लगी है. वर्षों से जर्जर पड़ी इस सड़क पर आवाजाही करना जहां लोगों के लिए चुनौती बन चुका है, वहीं अब युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा है. हसपुरा प्रखंड के बिरहारा गांव के युवाओं ने इस मुद्दे को लेकर संघर्ष की शुरुआत की, जिसके बाद आसपास के कई गांवों के सैकड़ों युवा इसमें शामिल हो गये हैं. युवाओं ने सड़क की हालत को लेकर साफ ऐलान कर दिया है कि जब तक सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा, आंदोलन जारी रहेगा. सड़क नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद करते हुए हसपुरा बाजार, देवकुंड और अन्य गांवों में जगह–जगह बैनर-पोस्टर लगाये गये हैं. युवाओं का कहना है कि नेताओं ने चुनाव दर चुनाव केवल वादे किये, लेकिन सड़क निर्माण की दिशा में कभी ठोस पहल नहीं हुई. आंदोलन में शामिल युवाओं में विकास कुमार, अमित कुमार, अरबिंद प्रसाद, पप्पु राज, सौरभ कुमार वंटी, साहबाज सहित कई युवाओं ने बताया कि देवकुंड–हसपुरा मार्ग पर बने गड्ढों और कीचड़ भरे रास्तों के कारण आम लोगों का चलना मुश्किल हो गया है. आये दिन छात्र–छात्राएं और राहगीर हादसों का शिकार हो रहे हैं. इस सड़क को लेकर कई बार मीडिया में खबरें प्रकाशित हुईं, लेकिन न तो जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने ही सुध ली. सुधीर कुमार सिंह सहित कई समाजसेवियों ने युवाओं के इस अभियान का समर्थन किया है. उनका कहना है कि देवकुंड व हसपुरा धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व के स्थल हैं. यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु और जायरीन पहुंचते हैं, लेकिन सड़क की बदहाली इनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है.चुनाव से पहले फिर गर्माया सड़क का मुद्दा
स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनावी मौसम आते ही नेताओं द्वारा देवकुंड–हसपुरा सड़क निर्माण का वादा बार–बार किया जाता है, लेकिन चुनाव के बाद यह मुद्दा ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. इस बार युवाओं ने आंदोलन का रास्ता अपनाकर साफ कर दिया है कि अब केवल वादे से बात नहीं बनेगी. जब तक सड़क पर काम शुरू नहीं होगा, संघर्ष जारी रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
