बिस्कोमान में खाद के लिए भिड़े किसान, जमकर चले लात-घूंसे
पूरे जिले में खाद के लिए मारामारी, चार बजे सुबह से कतार में लगे रहे किसान
पूरे जिले में खाद के लिए मारामारी, चार बजे सुबह से कतार में लगे रहे किसान
औरंगाबाद ग्रामीण. जिले में खाद के लिए मारामारी चल रही है. किल्लत से किसान परेशान हैं. मंगलवार को बिस्कोमान में खाद लेने आने वाले किसान आपस में भिड़ गये. खाद आगे खरीदने की जद्दोजहद में कुछ युवक आपस में उलझ गये. फिर क्या था. उनके बीच जमकर लात-घूंसे चले. थोड़ी देर के लिए स्थिति अराजक हो गयी. भगदड़ जैसी स्थिति बन गयी. इस दौरान बिस्कोमान के कर्मी मूकदर्शक बने रहे. हालांकि सूचना पाकर पुलिस जवान वहां पहुंचे और फिर मामले को संभाला. स्थिति को नियंत्रित किया और सभी किसानों को कतारबद्ध कराया. दरअसल, जिले के सभी प्रखंड में खाद के लिए किसान उर्वरक दुकानों का चक्कर लगा रहे हैं. खाद मिलने की सूचना पर उर्वरक दुकानों के बाहर किसानों की लंबी कतार लग रही है. मंगलवार को औरंगाबाद जिला मुख्यालय स्थित बिस्कोमान में खाद उपलब्ध होने की सूचना पर काफी संख्या में किसान यूरिया खाद लेने पहुंच गए. काउंटर पर लोग चढ़े दिखे. किसानों के बीच मारपीट का वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ. हंगामे व झड़प के बाद पुलिस बलों को उक्त जगह पर तैनात किया गया. इसके बाद मामला शांत हुआ. फिर सभी किसानों का कागजात जमा लिया गया. देर से आने वाले किसानों का कागज जमा नहीं लिया गया और अगले दिन आने की बात कहकर घर भेज दिया गया. इस दौरान किसानों ने अपने प्रतिनिधि और सरकार के प्रति नाराजगी जतायी. पुलिस बलों ने सभी लोगों को एक जगह बैठा दिया और बारी-बारी से खाद का वितरण किया जाने लगा. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विभिन्न प्रखंडों में यूरिया की रैक प्राप्त होने के बाद विभिन्न प्रखंडों में यूरिया खाद भेजा गया है. सदर प्रखंड में दुकानदारों को 2600 बैग, बारुण को 1400, दाउदनगर को 800,देव को 1600, हसपुरा को 400, कुटुंबा को दो हजार, नबीनगर को 3200, मदनपुर को 600, रफीगंज को 200, ओबरा को 2800 तथा गोह को 800 बैग यूरिया खाद भेजा गया है. इसके अलावा मंगलवार को रैक प्राप्त होने की सूचना है. रैक आने के बाद विभिन्न प्रखंडों में खाद भेजा जाएगा. संबंधित प्रखंड के प्रखंड कृषि पदाधिकारी को उर्वरक बिक्री का निगरानी करने का निर्देश दिया गया है.अधिक दाम पर खाद बिकने का आरोप
हालांकि, कृषि विभाग द्वारा उर्वरक की उपलब्धता के आंकड़े जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते हैं. विभाग के अनुसार जिन उर्वरक दुकानों पर यूरिया भेजा गया है, वहां या तो ताला लटका है या दुकानदारों द्वारा यह कहकर किसानों को लौटा दिया जा रहा है कि यूरिया समाप्त हो गया. किसानों का शिकायत है कि दुकानदार चेहरा देखकर यूरिया की बिक्री कर रहे हैं. कुछ जगहों पर जो किसान अधिक रुपए दे रहे हैं उन्हें ही यूरिया दिया जा रहा है.शिकायत मिलने पर भी नहीं हो रही कार्रवाई
यूरिया की बिक्री में लगातार अनियमितता की शिकायत मिल रही है. हद तो तब हो गयी जब शिकायत मिलने के बावजूद भी कृषि विभाग द्वारा खाद की कालाबाजारी करने तथा खाद बिक्री में अनियमितता बरतने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई, जहां किसानों को एक बोरा यूरिया के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है. कुटुंबा प्रखंड के एक मुखिया द्वारा ट्रक में लोड कर लगभग 900 बैग यूरिया लाया गया तथा किसानों के बीच बिक्री किया गया. खाद की आपूर्ति, अधिक दाम और वैधता को लेकर कुछ सवाल खड़ा किया और इसकी जानकारी जिला कृषि पदाधिकारी को भी दी गई, लेकिन उन्होंने मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की. बड़ा सवाल यह है कि समितियों और लाइसेंसी उर्वरक दुकानदारों को यूरिया खाद नहीं मिल पा रहा है. वहीं बैरांव पंचायत में उर्वरक बिक्री के नियम को दरकिनार ट्रक लगाकर 900 बाद यूरिया खाद की बिक्री की गई. शिकायत मिलने के बाद कृषि विभाग के अधिकारी मामले की लिपापोती में जुटे रहे.दूर होगी खाद की कमी : डीएओ
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में उर्वरक की कमी को जल्द ही दूर कर लिया जायेगा. फिलहाल जिले में 491.048 टन यानी कुल 10912 बैग यूरिया मंगवाया गया था. जो विभिन्न उर्वरक दुकानों तथा सहयोग समितियां को बिक्री के लिए भेजा गया था. औरंगाबाद बिस्कोमान में भी 1000 बोड़ा यूरिया खाद भेजा गया था, जहां किसान खाद लेने पहुंचे थे. लेकिन पहले खाद लेने की होड़ में किसान आपस में ही भिड़ गये. पुलिस बलों की मौजूदगी में खाद की बिक्री की जा रही है.पर्याप्त खाद के लिए लिखा जायेगा पत्र : संतोष
को-ऑपरेटिव के चेयरमैन संतोष सिंह ने पैक्स अध्यक्षों व व्यापार मंडल अध्यक्ष के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि खाद की किल्लत है. पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं हो रहा है, जिससे किसान परेशान हैं. खाद की किल्लत को देखते हुए सरकार को मांग पत्र सौंपने के लिए बैठक किया जा रहा है. जिले में लगभग दो लाख यूरिया का बोरा आता था, लेकिन इस बार 60 से 65 दजर ही अब तक आया है. इस बार औरंगाबाद में शत प्रतिशत धान की खेती हुई है. इस बार यहां अधिक मात्रा के खाद की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
