Aurangabad News : फिर गरमायी नगर पर्षद की राजनीति, तीन वार्ड पार्षदों को भेजा गया नोटिस
Aurangabad News: कार्यवाही पंजी लेकर हाथापाई करते हुए सभाकक्ष से बाहर निकलने का मामला
दाउदनगर. नगर पर्षद बोर्ड दाउदनगर की राजनीति एक बार फिर से गरमा गयी है. एक तरफ जहां शहर में पीसीसी रोड व नाला निर्माण सहित कई विकासात्मक कार्य हो रहे हैं, जिसकी गुणवत्ता को लेकर बीच-बीच में सवाल भी उठते रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ दो वार्ड पार्षदों द्वारा लगाये गये आरोपों पर जांच प्रक्रिया भी चल रही है, तो इधर इओ द्वारा तीन वार्ड पार्षदों को स्पष्टीकरण का पत्र भेजे जाने का मामला चर्चा में है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोमवार को वार्ड पांच के पार्षद व पूर्व स्टैंडिंग कमेटी सदस्य बसंत कुमार, पूर्व स्टैंडिंग कमेटी सदस्य व वार्ड 25 के पार्षद डॉ केदारनाथ सिंह व वार्ड 24 के पार्षद राधा रमन पूरी को इओ ने नोटिस देकर तीनों पर अमर्यादित आचरण का आरोप लगाते हुए स्पष्टीकरण की मांग की है. नोटिस में मुख्य पार्षद के पत्रांक का हवाला देते हुए कहा गया है कि 29 मार्च को बजट के लिए हुई बैठक में आपके द्वारा पहले कुछ बिंदुओं को उठाने का प्रयास किया गया, जिसको बहुमत प्राप्त नहीं था. आपके द्वारा उठाये गये बिंदुओं को कार्यवाही पंजी में दर्ज नहीं कराया गया. तदोपरांत आप क्षुब्ध कार्यवाही पंजी को लेकर हाथापाई करते हुए सभाकक्ष से बाहर निकल गये. आपके इस कृत्य के लिए क्यों न आपके विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने के लिए सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी जाये व आपके इस आचरण के लिए सदस्यता समाप्त कराने के लिए नगर विकास व आवास विभाग बिहार पटना को पत्र प्रेषित किया जाये. पत्र की प्रतिलिपि मुख्य पार्षद, उपमुख्य पार्षद व डीएम को भी भेजी गयी है. सूत्रों से पता चला कि इओ द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद नप की राजनीति गरमा गयी है कुछ ही दिनों में नप बोर्ड की बैठक होने वाली है और दोनों पक्ष अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गये हैं.
मुख्य पार्षद ने इओ को लिखा था पत्र
29 मार्च को बजट पर नगर पर्षद की हंगामेदार बैठक हुई थी. मुख्य पार्षद अंजलि कुमारी द्वारा इओ को एक पत्र लिखा गया था. पत्र में कहा गया था कि बजट की बैठक में कुछ पार्षदों द्वारा कार्यवाही पुस्तिका को लेकर हाथापाई करते हुए पाया गया व इसे लेकर लोग बाहर चले गये. ऐसे कृत्य करने वाले लोगों को चिह्नित करते हुए नियमानुकूल कार्रवाई की जाये, ताकि पुनरावृति न हो.वार्ड पार्षदों ने कहा
वार्ड पार्षद बसंत कुमार ने कहा कि इओ के स्पष्टीकरण का जवाब दिया जायेगा. किसी भी तरह का कोई अमर्यादित आचरण नहीं किया गया है. अगर वार्ड पार्षद कोई बिंदु उठाते हैं, तो क्या वह अमर्यादित आचरण कहा जायेगा. यह तो पूरी तरह अलोकतांत्रिक तरीका है. इसके बारे में संबंधित विभाग को भी लिखेंगे. और जरूरत पड़ने पर न्यायालय का सहारा भी लेंगे. बोर्ड की अगली बैठक में इओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए कार्रवाई के लिए विभाग को लिखेंगे. उन्होंने कहा कि इओ द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अपमानित किया जा रहा है. इओ द्वारा राजनीति की जा रही है. लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाना सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अधिकार है. जनप्रतिनिधियों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. वार्ड पार्षद डॉ केदारनाथ सिंह ने कहा कि हम लोगों ने किसी प्रकार का कोई अमर्यादित आचरण नहीं किया है. उन्होंने कहा कि मानवीय व तकनीकी भूल के लिए मुख्य पार्षद से सॉरी बोलने की मांग करना क्या अमर्यादित का आचरण है. मुख्य पार्षद मर्यादा की परिभाषा को परिभाषित करते हुए सभी वार्ड पार्षदों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करें. वार्ड पार्षद राधारमण पुरी ने कहा कि किसी प्रकार का कोई अमर्यादित आचरण हम पार्षदों द्वारा नहीं किया गया है. कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा किये गये कथित भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितता, घपला घोटाला, अधिनियम के विरुद्ध कार्य पर मैंने शिकायत की थी. जांच से घबड़ाकर इओ द्वारा इस तरह का आरोप लगाया गया है. इओ द्वारा निर्गत पत्र का जवाब देकर वरीय पदाधिकारी को भी अवगत कराया जायेगा और न्यायालय में भी इनके विरुद्ध वाद दायर किया जायेगा.क्या कहते हैं मुख्य पार्षद
मुख्य पार्षद अंजलि कुमारी ने बताया कि 29 मार्च को हुई बैठक में कुछ सदस्यों का आचरण बोर्ड की बैठक के अनुकूल नहीं था. उसी दिन उन्होंने पत्र आगे बढ़ा दिया था. लेकिन इतना लेट इओ द्वारा संबंधित वार्ड पार्षदों को पत्र क्यों दिया गया, यह पता नहीं. कार्यवाही पुस्तिका को कोई टच नहीं कर सकते, लेकिन उसके बावजूद भी वे लोग कार्यवाही पुस्तिका को लिये थे. उन्हें सचेष्ट करने के लिए मैंने कार्यालय को पत्र लिखा, ताकि वे ऐसी गलती दोबारा न करें. मैंने लिखा था कि इसकी पूनरावृत्ति नहीं की जाये. नियमानुकूल कार्रवाई की जाये, लेकिन इओ ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया, इसमें हम क्या कर सकते हैं.क्या कहते हैं इओ
इओ ऋषिकेश अवस्थी ने कहा कि जिन्हें पत्र भेज जा गया है, वे रजिस्टर लेकर बैठक के बाहर चले गये थे. दो-तीन घंटे के बाद वापस आकर रजिस्टर कार्यालय में जमा किये. मुख्य पार्षद द्वारा कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है, जिसके आलोक में नोटिस करते हुए पूछा कहा गया है कि किन परिस्थितियों में रजिस्टर लेकर चले गये थे. क्यों न शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप आपके खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी जाये और सदस्यता समाप्त करने के लिए विभाग को संसूचित किया जाये. इतना विलंब नोटिस किये जाने के मामले पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में बोर्ड की बैठक होने वाली है. इसका भी ध्यान रखा गया है कि बोर्ड की अगली बैठक में इसकी पुनरावृति नहीं हो. थोड़ी-सी स्लो प्रक्रिया के कारण विलंब हुआ है.
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