सरकारी खर्चे पर नि:सहाय व गरीब बंदियों को मिलेंगे वकील, जिला व सत्र न्यायाधीश ने मंडल कारा का किया औचक निरीक्षण

शुक्रवार को व्यवहार न्यायालय अररिया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयुष कमल दीक्षित ने मंडल कारा का औचक निरीक्षण किया. इस क्रम में उन्होंने सबसे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम का मुआयना किया

By Prabhat Khabar | June 13, 2020 9:03 AM

शुक्रवार को व्यवहार न्यायालय अररिया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीयुष कमल दीक्षित ने मंडल कारा का औचक निरीक्षण किया. इस क्रम में उन्होंने सबसे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम का मुआयना किया. वहां अपने केस की सुनवाई का इंतजार कर रहे बंदियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए न्यायिक कार्य में भाग लेने के लिये उन्होंने प्रेरित किया. मुलाकाती बंद होने के संबंद्ध में ऑन लाईन सविधा के मद्नेनजर उन्होंने कैदियों से जरूरी चर्चा की. इस क्रम में बंदियों ने कहा कि ऑनलाईन माध्यम से परिजनों से बातचीत तो हो जाती है. इसके बावजूद उन्होंने जिला जज से मुलाकात की सुविधा फिर से बहाल करने की अपील की. जिला जज इसके बाद जेल के विचाराधीन कैदियों से मुखातिब हुए .उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना. जिला जज ने कैदियों को बताया कि गरीबों व नि:सहाय बंदियों को उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा की उचित पैरवी के लिये मंडल कारा में वर्ष 2015 से लीगर एड क्लिीनिक की स्थापना की गयी है.

इसमें अर्जी देने पर सरकारी खर्चे पर अधिवक्ता मुहैया कराने का प्रावधान निर्धारित है. इसके लिये लीगल सेल में प्रतिनियुक्त कर्मियों से मदद ली जा सकती है. उन्होंने कहा कि सप्ताह में पांच दिन जिला विधिक सवा प्राधिकार के तीन पैनल अधिवक्ता द्वारा जेल वीजिट किया जाता है. आवश्यकता के हिसाब से उनसे कानूनी मदद ली जा सकती है. बंदियों से बातचीत के दौरान जिला जज ने उन्हें तारीख के दिन कोर्ट में निश्चित रूप से उपस्थित होकर न्यायिक पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होकर उन्हें अपनी बात रखने के लिये प्रेरित किया. इससे मुकदमे पर कार्रवाई को गति मिलती है. मंडल कारा के निरीक्षण के क्रम में जिला जज ने जेल के सिंगल सेल, तरूण खंड, गोदवरी खंड, सरस्वती खंड, यमुनाखंड, गंगा खंड, बह़मपुत्र खंड, कृष्णा कावेरी खंड सहित अंडा सेल का भी निरीक्षण किया.

जेल परिसर में स्थापित पुस्तकालय का भी इस क्रम में निरीक्षण किया गया. इसके बाद भोजनालय व चिकित्सालय का भी उनके द्वारा निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के क्रम में उन्होंने जेल प्रशासन के अधिकारियों को कई जरूरी दिशा निर्देश दिये. मौके पर अवर न्यायाधीश सह जिला विधिक सवा प्राधिकार के सचिव धीरेंद्र कुमार के अलावा डीएलएसए की रिटनर अधिवक्ता कुमारी बीणा, जेल विजिटिंग लॉयर विनीत प्रकाश व सोहन लाल ठाकुर जेलर प्रमोद दास, जेल अधीक्षक सत्येन कुमार, कारा लिपिक मुकेश कुमार मंगेशकर, हेड वार्डर रमेश कुमार चौधरी व धमेन्द्र कुमार सिंह, सिपाही क्रमश: धीरज कुमार, एमडी किस्मत, ऋषिराज, संजीब कुमार, मनोज कुमार, रीपु रविदास के अलावा सजावार बंदी सह लीगल एड क्लीनिक में प्रतिनियुक्त पीएलवी सकेत कुमार ठाकुर व पप्पुकुमार सिंह सहित विचाराधीन बंदियो में मुकश कुमार पाडेय, विक्की यादव, गिरिजानंद झा उर्फ चन्नू झा, रवि कुमार शर्मा उर्फ बिटटू सोनी, हसन आदि मौजूद थे.

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