आखिर साजिश के लिए नरसिंह यादव किसकी ओर उठा रहे हैं अंगुली?

नयी दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह कहा कि नरसिंह यादव के खिलाफ साजिश की गयी है. संघ की ओर से बोलते हुए ब्रजभूषण शरण सिंह ने कहा कि नरसिंह यादव और उसके रूम पार्टनर संदीप तुलसी सिंह दोनों ही डोप टेस्ट में पॉजीटिव पाये गये हैं और दोनों ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2016 2:08 PM

नयी दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह कहा कि नरसिंह यादव के खिलाफ साजिश की गयी है. संघ की ओर से बोलते हुए ब्रजभूषण शरण सिंह ने कहा कि नरसिंह यादव और उसके रूम पार्टनर संदीप तुलसी सिंह दोनों ही डोप टेस्ट में पॉजीटिव पाये गये हैं और दोनों ने एक ही स्टॉराइड का प्रयोग किया है. यह कैसे संभव है? उन्होंने कहा कि संघ को यह विश्वास है कि नरसिंह यादव के साथ अन्याय हुआ है और संघ उम्मीद करता है कि उसे न्याय मिलेगा. ब्रजभूषण शरण ने कहा कि नरसिंह यादव जितने मुकाबलों में गया उसने डोपिंग टेस्ट से कभी मना नहीं किया. इससे यह बात साफ होती है कि उसने कोई अपराध नहीं किया, बल्कि उसके साथ नाइंसाफी की गयी है.

मुकदमे से साजिश तक

जब से नरसिंह यादव को डोपिंग टेस्ट में फेल किया गया है वे लगातार यही कह रहे हैं कि उनके खिलाफ साजिश की जा रही है. हालांकि उन्होंने किसी का नाम लेकर कुछ नहीं कहा है लेकिन उन्होंने यह कहा है कि कोई इतना कैसे गिर सकता है, मैं यह समझ नहीं पा रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैं ओलंपिक में ना जाऊं इसके लिए मुकदमा भी दायर किया गया था. हालांकि कोर्ट ने मेरे पक्ष में फैसला दिया. अब मेरे खिलाफ यह साजिश हो रही है. मेरे खाने में कुछ मिलाया गया था. उन्होंने कहा कि मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं ऐसे में मैं ऐसी दवाइयां क्यों लूंगा जिसपर बैन है. उन्होंने यह मांग भी की कि इस मामले की सीबीआई जांच हो.

आखिर नरसिंह यादव किसकी ओर कर रहे हैं इशारा

नरसिंह यादव को जब कुश्ती महासंघ ने रियो ओलंपिक में भेजने का फैसला किया, तो ट्रायल की मांग उठी. हालांकि नरसिंह यादव ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया था.ऐसे में उनके चयन पर सवाल उठाना सही नहीं था. लेकिन मामला हाईकोर्ट तक गया. बावजूद इसके नरसिंह यादव ही रियो ओलंपिक के लिए चयनित हुए अब जबकि वे डोपिंग मामले में फंसते नजर आ रहे हैं, तो उन्होंने साजिश की बात कह दी है और कुश्ती महासंघ भी उनका साथ दे रहा है, ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि आखिर नरसिंह यादव का इशारा किसकी ओर है.