ग्रैंडमास्टर आनंद को आईआईटी कानपुर ने ‘डाक्टर आफ साइंस” की उपाधि से नवाजा

कानपुर : मशहूर शतरंज खिलाड़ी और भारत के पहले ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को आज आईआईटी कानपुर के 49वें दीक्षांत समारोह में विज्ञान वाचस्पति की मानद उपाधि ‘डाक्टर ऑफ साइंस’ (आनरिस काजा) की उपाधि प्रदान की गयी. यह उपाधि उन्हें आईआईटी सीनेट की ओर से प्रदान की गयी. आनंद ने अंडर ग्रेजुएट डिग्री प्राप्त करने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 28, 2016 4:10 PM

कानपुर : मशहूर शतरंज खिलाड़ी और भारत के पहले ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को आज आईआईटी कानपुर के 49वें दीक्षांत समारोह में विज्ञान वाचस्पति की मानद उपाधि ‘डाक्टर ऑफ साइंस’ (आनरिस काजा) की उपाधि प्रदान की गयी. यह उपाधि उन्हें आईआईटी सीनेट की ओर से प्रदान की गयी.

आनंद ने अंडर ग्रेजुएट डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘मैं 1988 में भारत से पहला ग्रैंडमास्टर बना, लेकिन मैनें सीखना जारी रखा. मैं अपने अगले लक्ष्य (विश्व चैंपियनशिप) की ओर बढ़ गया. आप भी ग्रेजुएट की डिग्री लेकर जा रहे हो, खूब खुशियां मनाओ, लेकिन अपनी जिंदगी के अगले लक्ष्य के बारे में भी सोचते रहो. ”

उन्होंने कहा, ‘‘आज भी मैं शतरंज के बारे में अधिक से अधिक सीखने की कोशिश करता हूं क्योंकि जो भी आपने सीख लिया या ज्ञान हासिल कर लिया, वह कभी बेकार नही जाता. जब तक मैं ग्रैंडमास्टर नहीं बना था तब मेरे उपर काफी दबाव था लेकिन मैने हिम्मत नही हारी और लगातार अपनी गलतियों से सीखता रहा.” परंपरागत गाउन पहन कर आये आनंद ने कहा, ‘‘जैसा ड्रेस कोड आज यहां लागू है वैसा ही पहली बार मैंने तब महसूस किया था जब मैं राष्ट्रपति भवन अर्जुन पुरुस्कार लेने गया था. तब मुझे रिहर्सल करायी गयी थी. तब मैं काफी घबराया हुआ था.

आज फिर मैं ड्रेस पहन कर आया हूं लेकिन मुझे कोई घबराहट नही हुई बल्कि मुझे राष्ट्रपति भवन की याद ताजा हो गयी. ” उन्होंने आईआईटी प्रशासन को धन्यवाद दिया कि जिन्होंने डाक्टरेट उपाधि के लिये उन्हें चुना. समारोह के बाद आनंद के साथ सेल्फी लेने के लिये छात्र छात्राओं में होड लग गयी, उन्होंने मुस्कुराते हुये सबके साथ फोटो खिंचवाई.

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