मैं अगले दो साल तक भारत के लिए नहीं खेल सकता : सतनाम सिंह भामरा

नयी दिल्ली : भारतीय बॉस्केटबाल की नयी सनसनी सतनाम सिंह भामरा ने साफ किया है कि वह कम से कम अगले दो साल तक राष्ट्रीय टीम की तरफ से खेलने के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे क्योंकि उनकी निगाह अपने खेल में सुधार करने और एनबीए की डलास मावरिक्स की पहली टीम में जगह बनाने पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 14, 2015 12:48 PM

नयी दिल्ली : भारतीय बॉस्केटबाल की नयी सनसनी सतनाम सिंह भामरा ने साफ किया है कि वह कम से कम अगले दो साल तक राष्ट्रीय टीम की तरफ से खेलने के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे क्योंकि उनकी निगाह अपने खेल में सुधार करने और एनबीए की डलास मावरिक्स की पहली टीम में जगह बनाने पर है.

भारत ने तीन सितंबर से चीन के हुनान में होने वाली फीबा एशियाई चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया है लेकिन सतनाम ने स्पष्ट किया है कि अगले दो साल तक उनका ध्यान केवल एनबीए पर रहेगा.

इस सात फीट दो इंच लंबे खिलाडी ने डलास से कान्फ्रेन्स के जरिये भारतीय पत्रकारों से कहा, .मैं अगले दो साल तक भारत के लिये नहीं खेलूंगा. मेरा ध्यान केवल एनबीए पर है. मुझे अपने खेल में सुधार करके पहली टीम में जगह बनानी होगी. अगले दो वर्ष में जब मैं खुद को स्थापित कर लूंगा तब फिर से भारत के लिये खेल सकता हूं. मेरा मुख्य लक्ष्य कम से कम दस साल तक एनबीए लीग में खेलना है. सतनाम मावरिक्स की तरफ से एनबीए समर लीग में पदार्पण से उत्साहित हैं.

उन्होंने कहा, .मैं किसी तरह का दबाव महसूस नहीं कर रहा था और मैं नर्वस भी नहीं था. मैंने केवल खुद से यही बात कही कि आ तो गया हूं पहला आदमी भारत से, एक बार देख ले कैसे होता है. जहां तक ताकत की बात है तो मैं भी अमेरिकी खिलाडियों के समान हूं. मैं अभी संतुलन नहीं बना पा रहा हूं और कोच इस पर काम कर रहे हैं. मेरे घुटने कमजोर है. मैं मजबूती हासिल करने के लिये कसरत कर रहा हूं

सतनाम से पूछा गया कि अधिक से अधिक भारतीय खिलाडी एनबीए तक कैसे पहुंच सकते हैं, उन्होंने कहा, एनबीए की मुंबई में अकादमी है. यदि कोई बेहतर खिलाड़ी होगा तो उसे भविष्य में निश्चित तौर पर बुलाया जाएगा. जहां तक वर्तमान भारतीय खिलाडियों की बात है उन्हें अपनी फिटनेस पर बहुत मेहनत करने की जरुरत है.

पहले उन्हें छरहरा बनना होगा. लीब्रोन जेम्स जैसे खिलाडियों को देखो. वह बहुत छरहरे कद है. यदि आप छरहरे हो तो इससे आपकी ताकत ओर तेजी में सुधार होगा. एनबीए के लिए चुने गये पहले भारतीय खिलाड़ी ने कहा, कल मैंने अपने खेल में अंतर देखा. मेरी तेजी अलग स्तर की थी. मैं कोर्ट पर कभी इतनी तेजी से नहीं दौड़ा था. जब भी मैं थक जाता कोच मुझे बाहर बुला देता और फिर अंदर भेज देता. मेरे आदर्श ड्वाइट हावर्ड ( ह्यूस्टन राक्स के सेंटर ) हैं. मैं उनकी तरह खेलना चाहता हूं.

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