‘तुम चुप रहो…’, जब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पर भड़के सचिन तेंदुलकर, तब रवि शास्त्री ने रोका
Sachin Tendulkar: क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को उनके रिकॉर्ड के अलावा मैदान पर उनके शांत स्वभाव के लिए भी जाना जाता है. हालांकि, सचिन शुरू से इतने शांत नहीं थे. इस बात का खुलासा पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने किया. उन्होंने याद किया कि एक बार सचिन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पर भड़क गए थे तो उन्होंने सचिन को शांत कराया था. शास्त्री ने तब सचिन से कहा था कि बल्ले से जवाब दो.
Sachin Tendulkar: महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की दो चीजें उनके करियर की पहचान हैं. एक अपने समय का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बनना और मैदान पर कोई विवाद नहीं खड़ा करना. तेंदुलकर के 25 साल के करियर के दौरान, मास्टर ब्लास्टर ने शायद ही कभी अपना संयम खोया हो. अगर ऐसा कभी हुआ भी होगा तो उनके व्यवहार में यह देखने के लिए कभी नहीं मिला. नैरोबी में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी नॉकआउट के दौरान ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा ने सचिन पर जब जुबानी हमला किया तो तेंदुलकर संयम के साथ खड़े रहे. हालांकि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को मुंह की खानी पड़ी. दुनिया ने उस समय तेंदुलकर का संयम देखा. You keep quiet When Sachin Tendulkar wanted to sledge Australia Ravi Shastri stopped him
तेंदुलकर हमेशा से इतने शांत नहीं थे
हालांकि, कम ही लोगों को यह पता होगा कि तेंदुलकर हमेशा से ऐसे नहीं थे. पूर्व भारतीय ऑलराउंडर और मुख्य कोच रवि शास्त्री ने एक वाकया याद किया जब 18 साल के तेंदुलकर, शक्तिशाली ऑस्ट्रेलियाई टीम पर हमला करने ही वाले थे कि शास्त्री ने उन्हें रोक दिया. 1991/92 में, तेंदुलकर एक भारतीय क्रिकेटर के रूप में अपने पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए थे. उन्होंने पर्थ और सिडनी में टेस्ट शतकों के साथ विश्व मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. लेकिन यह बिना किसी नाटकीयता के नहीं हुआ. सचिन एक बार उग्र होने ही वाले थे कि शास्त्री ने रोक दिया था.
रवि शास्त्री ने अकेले दिया था कंगारुओं को जवाब
शास्त्री ने उस घटना को याद करते हुए क्रिकेट एक्ट द्वारा आयोजित समर ऑफ क्रिकेट लंच के दौरान कहा, ‘मुझे एससीजी में खेलना याद है. यह सचिन का पहला दौरा था. मैंने अभी-अभी शतक पूरा किया था और सचिन अभी-अभी बल्लेबाजी करने आए थे. वॉ बंधुओं – स्टीव और मार्क ने उन पर स्लेजिंग की. माइक व्हिटनी 12वें खिलाड़ी के रूप में मैदान पर आए. मैं एलन बॉर्डर के साथ तब तक बहस करता रहा जब तक मैंने अपना शतक पूरा नहीं कर लिया. उन्होंने गेंद अपने हाथ में ली और कहा, ‘अपनी क्रीज में वापस आ जाओ; मैं तुम्हारा सिर फोड़ दूंगा.’ मैं घूमा, वहां माइक लगे थे और जुर्माना लग सकता था. पिच के बीचों-बीच, मैंने एससीजी में चिल्लाकर कहा, ‘हे माइक! अगर तुम इतनी अच्छी गेंदबाजी करने का दावा कर सकते हो, तो तुम ऑस्ट्रेलिया के 12वें खिलाड़ी क्यों हो.’
आज भी स्लेजिंग है ऑस्ट्रेलियाई टीम की पहचान
जब बात स्लेजिंग की आती है, तो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर कभी पीछे नहीं हटते. हर कोई अपने-अपने तरीके से इसका सामना करता है. शास्त्री को ऑस्ट्रेलियाई टीम से भिड़ते देख, युवा तेंदुलकर को भी विरोधी टीम पर हमला करने की इच्छा हुई. शास्त्री ने आगे कहा, ‘सचिन मेरे पास आए और कहा, ‘मेरे शतक तक इंतजार करें, मैं भी उन्हें जवाब दूंगा.’ मैंने सचिन से कहा, ‘तुम चुप रहो. तुममें काफी क्लास है; तुम्हारा बल्ला बोलेगा. मुझे बोलने दो.’ और 100 से 200 रनों तक एक शब्द भी नहीं बोला गया.’ शास्त्री ने सचिन की काबलियत को भांप लिया था और वे चाहते थे कि यह बल्लेबाज शब्दों से नहीं बल्ले से जवाब दे. इसलिए उन्होंने सचिन को चुप करा दिया था.
फिर समय बदलता गया, तेंदुलकर ने अपने बल्ले से सबसे अधिक बात की. उन्होंने अपने करियर के दौरान ऑस्ट्रेलिया पर दबदबा बनाया, अपने युग की सर्वश्रेष्ठ टीम के खिलाफ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. उनके खिलाफ वनडे और टेस्ट मैचों में 6707 रन बनाए, जो उनकी बादशाहत का प्रमाण है. एक समय सचिन ऑस्ट्रेलिया के बड़े-बड़े गेंदबाजों के सपने में आने लगे थे. आज भी सचिन सबसे ज्यादा इंटरनेशनल रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं.
ये भी पढ़ें…
IND vs AUS: सुंदर ने चटकाए 8 गेंद पर 3 विकेट, टीम इंडिया ने 48 रनों से दर्ज की शानदार जीत
ED के लपेटे में शिखर धवन और सुरेश रैना, 11 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क
मोहसिन नकवी पर बड़ा आरोप लगाने की तैयारी में BCCI, ICC की बैठक में उठेगा मुद्दा
