क्रिकेट से संन्यास के बाद क्या करने वाले हैं चेतेश्वर पुजारा, खुद किया खुलासा

Cheteshwar Pujara Retirement: एक समय भारतीय टीम की रीढ़ रहे चेतेश्वर पुजारा ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. 100 से ज्यादा मैचों में 7000 से ज्यादा रन बनाने वाले पुजारा अब रिटायरमेंट के बाद कोचिंग की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं. वह भारतीय टीम से किसी न किसी रूप में जुड़े रहकर भारत के लिए योगदान देना चाहते हैं. हालांकि पुजारा ने इस पर फैसला लेने के लिए कुछ दिनों का इंतजार करने को कहा.

By AmleshNandan Sinha | August 28, 2025 5:15 PM

Cheteshwar Pujara Retirement: अपने शानदार कैरियर पर विराम लगाने के बाद भारत के धुरंधर टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को भविष्य में अपनी दूसरी पारी में कोचिंग या बीसीसीआई के उत्कृष्टता केंद्र पर कोई जिम्मेदारी निभाने से गुरेज नहीं है. क्रिकेट के सभी प्रारूपों से विदा लेने के कुछ दिन बाद पीटीआई से बातचीत में पुजारा ने भविष्य की अपनी योजनाओं और 103 टेस्ट के अपने सुनहरे कैरियर पर बात की जिसमें उन्होंने 7000 से अधिक रन बनाए. पुजारा ने कहा, ‘मुझे ब्रॉडकास्टिंग के काम में मजा आता है. मैं वह करता रहूंगा. कोचिंग या एनसीए (उत्कृष्टता केंद्र) की जहां तक बात है तो मैं इसके लिये तैयार हूं.’ What is Cheteshwar Pujara future plane after retirement

अब भी टीम इंडिया से जुड़े रहना चाहते हैं पुजारा

पुजारा ने कहा, ‘मैंने इसके बारे में सोचा नहीं है. जब भी मौका मिलेगा, मैं इस पर फैसला लूंगा. मैं पहले भी कह चुका हूं कि खेल से जुड़ा रहना चाहता हूं.’ पुजारा ने कहा, ‘जिस तरह से भी मैं भारतीय क्रिकेट को योगदान दे सकूं, मुझे खुशी होगी.’ उन्होंने यह भी कहा कि खेल से विदा लेते हुए उन्हें किसी तरह का अफसोस या मलाल नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि टेस्ट क्रिकेट अब पारंपरिक तरीके से नहीं खेला जा रहा हालांकि पारंपरिक बल्लेबाजों की प्रासंगिकता बनी हुई है. टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी का शास्त्रीय तरीका खत्म हो रहा है और क्या वह इससे दुखी हैं?

समय के साथ बदलाव जरूरी

इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं दुखी नहीं हूं. मेरा अभी भी मानना है कि मौजूदा दौर में भी टेस्ट मैच के शास्त्रीय बल्लेबाज प्रासंगिक हैं. लेकिन समय बदल गया है और समय के साथ बदलना लाजमी है.’ उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे किसी युवा खिलाड़ी को कोई सलाह देनी है तो मैं यही कहूंगा कि तीनों प्रारूपों में खेलो क्योंकि आजकल सफेद गेंद का क्रिकेट अधिक हो रहा है.’ उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि टेस्ट खिलाड़ी भी आईपीएल या वनडे में प्रदर्शन के आधार पर चुने जा रहे हैं. पुजारा ने कहा, ‘जब आप सफेद गेंद के क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो भारतीय टेस्ट टीम में मौका मिल जाता है. यही वजह है कि उनकी बल्लेबाजी में आक्रामकता होती है.’

रणजी में बेहतर प्रदर्शन से मिलता है टेस्ट टीम में मौका

उन्होंने हालांकि अभिमन्यु ईश्वरन और करूण नायर के उदाहरण भी दिये जिनका चयन रणजी टीम के प्रदर्शन के आधार पर हुआ. उन्होंने कहा, ‘रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिये भी गुंजाइश है कि वे टेस्ट टीम में चुने जायें. केएल राहुल इस समय टीम में सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजों में से हैं. वह तकनीक के धनी है और अच्छी बात यह है कि पारी की शुरुआत करते हैं जिससे टीम के लिये अच्छी नींव तैयार होती है.’

ये भी पढ़ें-

भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान विवाद, Asia Cup में मैदान पर ही भिड़ गए गंभीर-अकमल, देखें वीडियो

US Open: दानिल मेदवेदेव पर भारी जुर्माना, फोटोग्राफर विवाद और रैकेट तोड़ने पर सजा

Asia Cup Hockey: भारत का एशिया कप के जरिए विश्व कप क्वालीफाई का मौका, पहला मुकाबला चीन से