‘रिंग ऑफ फायर’ से हो रही समस्या, पावरप्ले में नहीं मिल रही मदद, वरुण चक्रवर्ती ने फाइनल से पहले किया खुलासा
Asia Cup 2025: भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ सुपर 4 मुकाबले में 41 रनों से जीत दर्ज करते हुए फाइनल में जगह बना ली है. हालांकि टीम इंडिया ने इस मैच में काफी खराब फील्डिंग की. वरुण चक्रवर्ती ने इस कमजोरी और गेंदबाजी में आ रही समस्या पर बात की.
Asia Cup 2025: भारत ने सुपर 4 के मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ 41 रनों से जीत दर्ज करते हुए एशिया कप 2025 के फाइनल में प्रवेश कर लिया. टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 168 रन बनाए, जिसके जवाब में बांग्लादेश 127 रन पर ही पवेलियन लौट गया. मेन इन ब्लू इस मैच में भले ही जीत गए हों, लेकिन फाइनल से पहले उनकी कई कमजोरियां सामने आई हैं. वरुण चक्रवर्ती ने इन्हीं समस्याओं पर बात करते हुए प्रेस कांफ्रेंस में खुलासा किया.
भारतीय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने कहा कि एशिया कप में पावरप्ले के दौरान गेंद कठोर रहने से स्पिनरों को ज्यादा मदद नहीं मिल रही. इसके बाद गेंद नरम हो जाती है और क्षेत्ररक्षण की पाबंदियां नहीं रहने से मदद मिलती है. एशिया कप में चार मैचों में छह से कम की प्रभावी इकॉनॉमी रेट से चार विकेट लेने वाले चक्रवर्ती का किस्मत ने साथ नहीं दिया क्योंकि टूर्नामेंट में उनकी गेंदों पर काफी कैच छूटे. यह पूछे जाने पर कि क्या इस टूर्नामेंट में आखिरी ओवरों में गेंदबाजी करते हुए उन्होंने ज्यादा सहज महसूस किया, तमिलनाडु के इस रहस्यमयी स्पिनर ने कहा कि गेंद नरम होने और फील्ड फैल जाने से मदद मिलती है.
चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘गेंद जब कठोर होती है तो स्पिनरों को मदद नहीं मिलती. स्पिनर के नजरिये से कहूं तो पावरप्ले या उसके ठीक बाद गेंदबाजी में इन पिचों पर मदद नहीं मिलती. लेकिन मैच आगे बढ़ने और फील्ड के फैल जाने से हालात बेहतर हो जाते हैं.’’ उन्होंने कहा कि पावरप्ले में रनों की गति रोकने का विकल्प नहीं होता बल्कि आपको विकेट लेने होते हैं. ‘‘पावरप्ले में मेरा लक्ष्य विकेट लेना ही होता है. मैं उस एक गेंद की तलाश करता हूं जो सही जगह पर पड़े और थोड़ा टर्न ले ताकि विकेट मिल सके.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे में थोड़े रन भी चले जायें तो भी मैं आक्रामक गेंदबाजी करके विकेट लेने की ही कोशिश करता हूं.’’ उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के खिलाफ भी गेंद पुरानी होने के बाद वह अधिक प्रभावी गेंदबाजी कर सके. ‘‘गेंद पुरानी होने के बाद मुझे विकेट से मदद मिलने लगी.’’ भारत ने बांग्लादेश को 41 रन से हराया और रविवार को फाइनल में टक्कर चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से हो सकती है.
वरुण चक्रवर्ती ने बताई वजहें
बांग्लादेश के खिलाफ मैच में भारतीय टीम ने कुल 5 कैच ड्रॉप किए. चार कैच तो सैफ हसन के छूटे, यह भी अपने आप में अनोखा रिकॉर्ड बना. मैच के बाद वरुण चक्रवर्ती ने माना कि भारत की फील्डिंग औसत दर्जे की रही. यही हाल पिछले मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ भी हुआ था, लेकिन फील्डिंग कोच टी. दिलीप ने खिलाड़ियों पर ज्यादा सख्ती नहीं दिखाई थी. चक्रवर्ती ने कहा कि इस बार कोच जरूर खिलाड़ियों से सख्त बात करेंगे.
रिंग ऑफ फायर से हो रही समस्या
उन्होंने यह भी कहा कि दुबई स्टेडियम की तेज रोशनी कभी-कभी कैचिंग में दिक्कत देती है, लेकिन यह बहाना नहीं बन सकता. चक्रवर्ती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,“जैसा कि कहते हैं, इस स्तर पर कोई बहाना नहीं चल सकता. टीम के तौर पर हमें सभी मौके पकड़ने ही होंगे. हम फाइनल में पहुंच चुके हैं और अब ऐसे कैच छोड़ने की गुंजाइश नहीं है. अगर आप मुझसे पूछें तो ‘रिंग ऑफ फायर’ (स्टेडियम की फ्लडलाइट्स) कभी-कभी आंखों के सामने आती हैं और थोड़ा बाधा डालती हैं. हमें इसके साथ एडजस्ट करना होगा. हमें अपनी फील्डिंग बेहतर करनी होगी और फील्डिंग कोच के पास कहने के लिए बहुत कुछ होगा. पिछली बार उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहा था, लेकिन आज के बाद उनके पास कहने को काफी कुछ होगा.”
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