बॉलिंग करियर के 201 विकेटों में एक है सबसे खास, सचिन तेंदुलकर ने इसको बताया अपना फेवरेट शिकार

Sachin Tendulkar's Favourite wicket in career: सचिन तेंदुलकर को भले ही महान बल्लेबाज के रूप में जाना जाता है, लेकिन उन्होंने गेंदबाजी में भी 201 विकेट झटके. हाल ही में रेडिट सत्र में जब उनसे पसंदीदा विकेट पूछा गया, तो उन्होंने 2004 मुल्तान टेस्ट में मोइन खान को दिन की आखिरी गेंद पर आउट करने को सबसे खास बताया.

By Anant Narayan Shukla | August 27, 2025 1:42 PM

Sachin Tendulkar’s Favourite wicket in career: सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट इतिहास के सबसे महानतम बल्लेबाजों में से एक माना जाता है. उनके नाम पर टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे ज्याादा रनों का रिकॉर्ड है. उन्होंने 100 शतकों के साथ विश्व रिकॉर्ड भी अपने नाम पर रखा है. लेकिन उनकी गेंदबाजी अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. सचिन भले ही विशेषज्ञ गेंदबाज नहीं थे, लेकिन पार्ट-टाइम बॉलर के रूप में उन्होंने अपना जलवा जरूर बिखेरा. सचिन के नाम पर 663 मैचों में 201 विकेट दर्ज हैं. लेकिन उनमें एक विकेट उनका खास है. हाल ही एक रेडिट के एक आस्क मी एनीथिंग सेशल के दौरान एक प्रशंसक ने तेंदुलकर से पूछा कि सचिन, गेंदबाजी करते हुए आपके करियर का पसंदीदा विकेट कौन-सा है?” इस पर तेंदुलकर ने जवाब दिया “मोईन खान… दिन की आखिरी गेंद.”

सचिन मीडियम पेस, ऑफ-स्पिन और लेग-स्पिन तीनों गेंदबाजी कर सकते थे और अक्सर जिद्दी साझेदारियों को तोड़ने या मुख्य गेंदबाजों को आराम देने के लिए गेंद थमाई जाती थी. टेस्ट क्रिकेट में तेंदुलकर ने 200 मैचों में 46 विकेट झटके. उनकी गेंदबाज़ी की भूमिका सीमित रही, लेकिन कुछ यादगार स्पेल भी दिए, जिनमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 3/10 रहा. वहीं वनडे क्रिकेट के 463 मैचों में उन्होंने 154 विकेट लिए. 32 रन देकर 5 विकेट उनका एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. 

सचिन ने मोईन को कैसे फंसा

अगर बात करें, सचिन के फेवरेट विकेट की, तो यह 2004 के मुल्तान टेस्ट में आया था. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 675/5 का विशाल स्कोर खड़ा किया. पाकिस्तान की उम्मीदें अब्दुल रज्जाक और मोइन खान पर टिकी थीं. दिन का आखिरी ओवर डालने के लिए तेंदुलकर को गेंद थमाई गई. तेंदुलकर ने चतुराई दिखाते हुए फील्डर्स को पीछे भेजा ताकि रज्जाक आसानी से सिंगल ले सकें और मोइन खान को स्ट्राइक पर ला सकें. 

इसके बाद जो हुआ, वह लाजवाब था. तेंदुलकर ने एक अबूझ गुगली डाली, जो मोइन की डिफेंस को पार करते हुए सीधे स्टंप्स में जा लगी. हैरान मोइन खान पवेलियन लौटे और भारत ने दिन का अंत शानदार तरीके से किया. भारत ने यह मैच एक पारी और 52 रनों से जीता और तेंदुलकर का यह एक विकेट उनके सबसे यादगार गेंदबाजी लम्हों में से एक बन गया.

मुल्तान टेस्ट है खास

इसी मैच में वीरेंद्र सहवाग ने भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में पहली तिहरा शतक (309 रन) जड़ा था. सहवाग ट्रिपल सेंचुरी लगाने वाले पहले भारतीय बने और उन्हें मुल्तान का सुल्तान का खिताब मिला. यह टेस्ट राहुल द्रविड़ के उस डिक्लेरेशन के लिए भी मशहूर है, जब तेंदुलकर 194* पर नाबाद लौटे थे. भारत ने मैच जीता, सहवाग ने ट्रिपल सेंचुरी जड़ी, सचिन दोहरे शतक से केवल 6 रन दूर नाबाद रहे और सचिन का फेवरेट विकेट. कुल मिलाकर मुल्तान टेस्ट भारत के लिए सचमुच ऐतिहासिक रहा. 

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