राहुल द्रविड़ ने खोला राज, भारतीय टीम का कोच नहीं बनना चाहता थे, फिर पत्नी की इस बात ने बदल दिया मन

Rahul Dravid on Team India head coach: राहुल द्रविड़ ने 2021 में भारतीय टीम की कोचिंग संभाली और 2024 टी20 वर्ल्ड कप जीत के साथ कार्यकाल समाप्त किया. शांत स्वभाव वाले द्रविड़ का सीनियर टीम कोच बनने का इरादा नहीं था, लेकिन पत्नी विजेता के समझाने पर उन्होंने यह चुनौती ली और भारत को सुनहरी सफलता दिलाई.

By Anant Narayan Shukla | August 22, 2025 9:25 AM

Rahul Dravid on Team India head coach: भारतीय क्रिकेट में ‘द वॉल’ कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ का कोचिंग सफर भी उनकी बल्लेबाजी जितना ही खास रहा. राहुल द्रविड़ ने रवि शास्त्री को रिप्लेस करते हुए 2021 में भारतीय टीम के कोच की जिम्मेदारी संभाली थी. उनके कोचिंग का उरूज टी20 वर्ल्ड कप 2024 रहा, जहां जीत के साथ उनका कोचिंग कार्यकाल सुनहरे अंत पर पहुंचा. हालांकि मैदान पर शांत और धैर्यवान दिखने वाले द्रविड़ ने कभी खुद को सीनियर टीम का कोच बनाने की योजना नहीं बनाई थी, लेकिन किस्मत और परिवार के सहयोग ने उन्हें यह जिम्मेदारी निभाने पर मजबूर कर दिया. पूर्व कोच राहुल द्रविड़ ने खुलासा किया कि उनका कभी भी सीनियर टीम का कोच बनने का इरादा नहीं था, लेकिन पत्नी की एक बात ने उन्हें यह चुनौती स्वीकार करने की प्रेरणा दी.

रविचंद्रन अश्विन के पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान द्रविड़ ने कहा कि उन्हें एनसीए में कोचिंग करना अच्छा लगता था. उन्होंने कहा, “सच कहूं तो मैं सीनियर टीम का कोच नहीं बनना चाहता था. उस समय मैं कोचिंग का आनंद ले रहा था. आईपीएल में दिल्ली टीम के साथ जुड़ा था और फिर अंडर-19 या इंडिया ए टीम के साथ काम करने का मौका मिला. यह रोचक था क्योंकि डेढ़ महीने काम कर सकता था और फिर घर लौट सकता था.” उन्होंने आगे कहा, “उस समय बांग्लादेश में वर्ल्ड कप था और हमारे पास टीम तैयार करने का पर्याप्त समय नहीं था. दिलचस्पी वर्ल्ड कप में नहीं, बल्कि अगले दो सालों में 30 खिलाड़ियों के बड़े पूल को एक्सपोजर देने में थी.”

द्रविड़ क्यों नहीं चाहते थे इंडिया की कोचिंग?

द्रविड़ के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी परिवार से दूर रहना. 15 साल लंबे करियर में वे भारत के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले टेस्ट बल्लेबाज हैं. कोचिंग के दौरान भी उन्होंने कभी सीनियर टीम की ओर कदम बढ़ाने की नहीं सोची थी. लेकिन उनकी पत्नी विजेता के प्रोत्साहन ने उन्हें यह जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार कर दिया. द्रविड़ ने कहा, “यह मेरे परिवार के जीवन के लिए संतुलित था. मैं आभारी हूं कि विजेता और मेरे बच्चे हमेशा सहयोगी रहे. परिवार के लिए यह मुश्किल होता है जब आप लंबे समय तक घर से दूर रहते हैं. इंडिया की कोचिंग का मौका अचानक आया, लेकिन विजेता ने कहा कि मैं उच्च स्तर पर कोचिंग को लेकर जुनूनी हूं और मुझे कुछ सालों के लिए यह करना चाहिए. मैंने इसे खूब एंजॉय किया और आप सबके साथ काम करने में आनंद लिया.”

कोच के रूप में राहुल द्रविड़ का सफर

2016 अंडर-19 वर्ल्ड कप से कुछ महीने पहले राहुल द्रविड़ को अंडर-19 टीम का कोच बनाया गया था. उस समय वे राजस्थान और दिल्ली टीम के साथ कोचिंग कर रहे थे और काम और निजी जीवन का संतुलन उन्हें पसंद आ रहा था. द्रविड़ ने एनसीए में रहते हुए अंडर-19 और इंडिया-ए टीम के साथ काम किया था, लेकिन उनकी पत्नी विजेता ने उन्हें यह चुनौती स्वीकार करने के लिए मनाया. फिर द्रविड़ ने तीन साल तक सीनियर टीम की कोचिंग की और 2024 टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद पद छोड़ दिया.

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