IND vs Eng Series: ताजी हवा के बिना कमरे में रहना बेहद मुश्किल, जानें बायो बबल के बारे में अश्विन ने और क्या कहा

IND vs ENG अहमदाबाद : स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने शनिवार को कहा कि बायो-बबल में जीवन काफी चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि इसमें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जूझना पड़ता है और ऑस्ट्रेलिया (Australia) में कभी कभार भारतीय टीम को ऐसे होटल के कमरों में ठहरना पड़ा जिसमें ताजा हवा भी नहीं आती थी क्योंकि खिड़कियां खुलती ही नहीं थीं. भारतीय टीम के खिलाड़ी पिछले साल अगस्त से बायो-बबल में रह रहे हैं, जब वे संयुक्त अरब अमीरात में 2020 इंडियन प्रीमियर लीग के लिए इकट्ठे हुए थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 6, 2021 10:48 PM

IND vs ENG अहमदाबाद : स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने शनिवार को कहा कि बायो-बबल में जीवन काफी चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि इसमें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए जूझना पड़ता है और ऑस्ट्रेलिया (Australia) में कभी कभार भारतीय टीम को ऐसे होटल के कमरों में ठहरना पड़ा जिसमें ताजा हवा भी नहीं आती थी क्योंकि खिड़कियां खुलती ही नहीं थीं. भारतीय टीम के खिलाड़ी पिछले साल अगस्त से बायो-बबल में रह रहे हैं, जब वे संयुक्त अरब अमीरात में 2020 इंडियन प्रीमियर लीग के लिए इकट्ठे हुए थे.

इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरा हुआ और अब इंग्लैंड का भारत दौरा चल रहा है. अश्विन ने मैच के बाद वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘हमें ऑस्ट्रेलिया में जहां रखा गया, हमें उन हालात से निपटना था. कभी कभार होटल के बंद कमरे में काफी घुटन होती, उसमें आपको ताजा हवा भी नहीं मिलती थी.’

उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में, ऐसे भी हालात थे जब होटल की खिड़कियों में खुलने के लिए जगह भी नहीं थी. 14 दिन या 20 दिन या 25 दिन खिड़की बिना खुले हुए बंद रहना काफी कठिन हो सकता है.’ बता दें कि कोरोनावायरस महामारी के कारण साल 2020 का आईपीएल मुकाबला यूएई में खेला गया, जहां खिलाड़ियों को कड़े प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ता था.

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खुद को बेहतर करना चाहता हूं

रविचंद्रन अश्विन हर दिन कुछ न कुछ नया सीखकर खुद को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटे रहते हैं क्योंकि वह भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में अमिट छाप छोड़ना चाहते हैं. अश्विन ने अपने 10 साल के कैरियर में आठ ‘मैन आफ द सीरीज’ पुरस्कार जीत लिए हैं और वह हरभजन सिंह के 417 टेस्ट विकेट की बराबरी करने से महज आठ विकेट दूर हैं, और ऐसा इन गर्मियों में इंग्लैंड में हो सकता है लेकिन इसके बारे में नहीं सोचना चाहते.

उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो यह चीज मेरे दिमाग में भी नहीं आयी और अगर आप इस पर मेरे विचार लेना चाहते हैं तो वह बहुत ही शानदार गेंदबाज हैं. काफी चीजें हैं जो मैंने उनसे सीखी हैं. जब भज्जू पा ने भारतीय टीम के लिए खेलना शुरू किया था तो मैं ऑफ स्पिनर बना भी नहीं था.’ अश्विन ने कहा, ‘2001 में मशहूर श्रृंखला (तीन टेस्ट में 32 विकेट) के कारण वह (हरभजन) प्रेरणास्रोत भी थे. 2001 में मैने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं एक ऑफ स्पिनर बनूंगा, मेरा मतलब है कि किसी ने इन चीजों की कल्पना भी की होगी.’

Posted By: Amlesh Nandan.

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