रोहित शर्मा को पहली ही गेंद पर फंसाने का बनाया था प्लान, VHT मैच के बाद देवेंद्र बोरा ने खोला राज
VHT: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा के लिए विजय हजारे ट्रॉफी का दूसरा मैच बेकार रहा. वह बिना खाता खोले पहली ही गेंद पर आउट हो गए. हालांकि यह सब ऐसे ही नहीं हुआ, उत्तराखंड की टीम ने रोहित के लिए पहले से ही प्लान सेट कर रखा था. रोहित का विकेट लेने वाले गेंदबाज देवेंद्र बोरा ने मैच के बाद बताया कि यह उनके प्लान का हिस्सा था, जिसमें छक्का लगने का जोखिम भी था.
VHT: विजय हजारे ट्रॉफी में दूसरे मैच में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के हाथ निराशा लगी, क्योंकि अपनी पारी की पहली ही गेंद पर वह गोल्डन डक का शिकार हो गए. इस टूर्नामेंट में यह एक दुर्लभ शुरुआती झटका था. उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में धमाकेदार शुरुआत की थी, मुंबई की ओर से सिक्किम के खिलाफ 94 गेंदों में नाबाद 155 रन बनाए थे, जिसमें 18 चौके और 9 छक्के शामिल थे, जिसने टूर्नामेंट में धूम मचा दी थी. हालांकि, शुक्रवार को कहानी अलग थी, क्योंकि उत्तराखंड पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरी और उन्हें जल्दी आउट कर दिया. रोहित को आउट करने का प्लान तेज गेंदबाज देवेंद्र बोरा (Devendra Bora) का था, जिन्होंने उन्हें पहली ही गेंद पर पुल शॉट खेलने के लिए मजबूर किया.
तेज बाउंसर फेंक रोहित को फंसाने का था प्लान
रोहित शर्मा को आउट करने वाला कोई जाना-पहचाना नाम नहीं था, बल्कि एक उभरते हुए खिलाड़ी देवेंद्र सिंह बोरा थे, जिन्होंने इस बड़ी सफलता के बाद सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. मैच के बाद बोरा ने खुलासा किया कि कप्तान और कोच ने पहले से ही एक स्पष्ट योजना बनाई थी, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए तेज बाउंसर से रोहित को जल्दी आउट कर दिया. बोरा ने रोहित के जल्दी आउट होने के पीछे की योजना को विस्तार से समझाया, जिसमें बताया गया कि उत्तराखंड ने पहली ही गेंद से आक्रामक बाउंसर से मुंबई के सलामी बल्लेबाज को परखने की योजना कैसे बनाई थी.
प्लान के तहत ही फाइन लेग पर लगाया गया था फील्डर
मैच के बाद बोरा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘शुरू से ही हमारी योजना, जैसा कि कोच और कप्तान के साथ चर्चा हुई थी, उन्हें बाउंसर फेंकने की थी. वे बाउंसर को अच्छी तरह खेलते हैं और हमें पता था कि छक्का लगने का खतरा था, लेकिन हमारा विचार था कि पहली ही गेंद पर बाउंसर से आक्रमण करें. हमारा मकसद बाउंसर से मौका बनाना था.’ जब बोरा से पूछा गया कि क्या रोहित का कैच लेने के लिए कमलेश नागरकोटी को जानबूझकर फाइन लेग पर तैनात किया गया था, तो उन्होंने पुष्टि की कि यह तैनाती मैच से पहले की योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी.
कौन हैं देवेंद्र सिंह बोरा
देवेंद्र बोरा मुंबई के खिलाफ मैच में बहुत कम लिस्ट-ए अनुभव के साथ उतरे थे, क्योंकि उन्होंने इससे पहले इस प्रारूप में केवल दो मैच खेले थे. हालांकि, उन्होंने हिमाचल प्रदेश के खिलाफ उत्तराखंड के विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 के पहले मैच में तुरंत अपनी छाप छोड़ी. वहां उन्होंने अपने सभी चार विकेट सीमित ओवरों के फॉर्मेट में लिए. सफेद गेंद क्रिकेट के अलावा, बोरा उत्तराखंड की प्रथम श्रेणी टीम में नियमित खिलाड़ी रहे हैं, उन्होंने अब तक 15 रणजी ट्रॉफी मैच खेले हैं और 30 विकेट लिए हैं. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इस सीजन की शुरुआत में बंगाल के खिलाफ आया था, जब उन्होंने 79 रन देकर 6 विकेट लिए थे, जो लाल गेंद क्रिकेट में उनकी दक्षता और घरेलू स्तर पर बढ़ते आत्मविश्वास को दर्शाता है.
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