Asia Cup 2025: कोचिंग को लेकर शिवम दुबे का बड़ा खुलासा, गंभीर के भरोसे से बने टीम के अहम ऑलराउंडर
एशिया कप 2025 (Asia Cup 2025) में शानदार प्रदर्शन करने वाले शिवम दुबे (Shivam Dube) ने बताया कि कैसे कोच गौतम गंभीर और गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल की सलाह ने उनके खेल को निखारा. फिटनेस, बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर किया खास काम.
Asia Cup 2025: भारतीय टीम के ऑलराउंडर शिवम दुबे (Shivam Dube) इन दिनों सिर्फ अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी ही नहीं बल्कि गेंदबाजी के दम पर भी टीम मैनेजमेंट का भरोसा जीत रहे हैं. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में जहां इंपैक्ट प्लेयर नियम के चलते उनकी गेंदबाजी की भूमिका सीमित हो गई थी, वहीं राष्ट्रीय टीम के लिए दुबे खुद को एक संपूर्ण ऑलराउंडर साबित करना चाहते हैं. दुबे को इसमें मुख्य कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का पूरा समर्थन और गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल (Morne Morkel) का मार्गदर्शन मिल रहा है. एशिया कप 2025 (Asia Cup 2025) के पहले मैच में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के खिलाफ उन्होंने सिर्फ दो ओवर में चार रन देकर तीन विकेट झटके और भारत की नौ विकेट से जीत में अहम भूमिका निभाई. दुबे मानते हैं कि फिटनेस, कौशल और मानसिक मजबूती ही उनके खेल को निखार रही है. (Shivam Dubey Made Big Disclosure about Gautam Gambhir).
मोर्कल की सलाह से गेंदबाजी में सुधार
शिवम दुबे ने खुलासा किया कि इंग्लैंड सीरीज से वापसी के बाद से ही मोर्ने मोर्कल उनके साथ लगातार काम कर रहे हैं. मोर्कल ने उन्हें ऑफ स्टंप के बाहर गेंदबाजी करने और धीमी गेंदों पर नियंत्रण रखने की विशेष सलाह दी है. इसके अलावा उन्होंने दुबे के रन-अप में भी तकनीकी बदलाव कराया. दुबे कहते हैं कि गंभीर और कप्तान दोनों ने साफ संदेश दिया था कि टीम में उनकी गेंदबाजी की भूमिका अहम होगी. इसी आत्मविश्वास के साथ उन्होंने एशिया कप की शुरुआत में शानदार प्रदर्शन किया.
फिटनेस और बल्लेबाजी पर किया विशेष काम
IPL के बाद दुबे को दो महीने का समय मिला, जिसे उन्होंने पूरी तरह अपनी फिटनेस और ऑलराउंड खेल को संवारने में लगाया. चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की ओर से उन्हें प्रायः पावर-हिटर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन भारतीय टीम में उनकी जिम्मेदारी और बड़ी है. दुबे कहते हैं कि उन्हें बीच के ओवरों में रन गति तेज करनी होती है और यही उनकी प्राथमिक भूमिका है. फिटनेस पर काम करने से अब वह गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में संतुलन बनाने में सक्षम महसूस कर रहे हैं.
शॉर्ट बॉल की चुनौती और नई रणनीति
पिछले कुछ सलों में विपक्षी गेंदबाजों ने दुबे को शॉर्ट-पिच गेंदों पर लगातार निशाना बनाया. इस कमजोरी को पहचानते हुए उन्होंने अपने शॉट्स की रेंज बढ़ाने और नई रणनीतियां अपनाने पर कड़ी मेहनत की. दुबे का मानना है कि जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ेगा, पिच धीमी होती जाएगी और उस समय उनकी स्लोअर बॉल और भी घातक साबित होगी. वहीं बल्लेबाजी में वह अब जानते हैं कि बीच के ओवरों में कैसे टिककर रन बनाने हैं और कब आक्रामक होना है.
हार्दिक से तुलना नहीं
दुबे से अक्सर हार्दिक पंड्या की तुलना की जाती है, लेकिन उनका कहना है कि हार्दिक उनके लिए भाई जैसे हैं. आईपीएल और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पंड्या का अनुभव उनसे कहीं अधिक है और वे हर बार उनसे कुछ नया सीखने की कोशिश करते हैं. दुबे मानते हैं कि प्रतिस्पर्धा से ज्यादा सीखने और खुद को बेहतर बनाने पर ध्यान देना जरूरी है. पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मैच को लेकर भी उन्होंने कहा कि चाहे विपक्ष कोई भी हो, वे गंभीर की सलाह मानकर टीम इंडिया को जीत दिलाने की कोशिश करेंगे.
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