BCCI के नए फिटनेस टेस्ट को एबी डिविलियर्स ने बताया सबसे घटिया, कहा- यह फेफड़े को…

AB de Villiers on Broncho Test: बीसीसीआई ने एशिया कप से पहले खिलाड़ियों के लिए ब्रोंको टेस्ट शुरू किया है, जिसमें 20, 40 और 60 मीटर की शटल रन शामिल है. यह टेस्ट एरोबिक क्षमता, सहनशक्ति और मानसिक मजबूती परखता है. जहां अश्विन और तिवारी ने आलोचना की, वहीं एबी डिविलियर्स ने इसकी सराहना की.

By Anant Narayan Shukla | August 30, 2025 1:40 PM

AB de Villiers on Broncho Test: बीसीसीआई ने एशिया कप से पहले अपने सभी खिलाड़ियों के लिए ब्रोंको टेस्ट की शुरुआत की है. यह विशेषकर तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा सहायक होगा, ताकि वे जिम में समय बिताने के बजाय ज्यादा दौड़ें. इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य एरोबिक क्षमता, स्पीड एंड्योरेंस और मानसिक मजबूती को परखना है. खिलाड़ी को 20 मीटर, 40 मीटर और 60 मीटर की शटल रन करनी होती है. यानी एक सेट में कुल 240 मीटर दौड़ना होता है. हर खिलाड़ी को पांच सेट पूरे करने होते हैं, जो मिलाकर 1200 मीटर बनते हैं. जब से इसकी बात चली है, तब से पूर्व भारतीय खिलाड़ियों ने इसकी आलोचना की है, विशेषकर मनोज तिवारी और आर अश्विन ने, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने इसकी सराहना की है.   

पूर्व भारतीय बल्लेबाज मनोज तिवारी ने इस नए फिटनेस टेस्ट की आलोचना की थी. उनका कहना था कि यह टेस्ट केवल इसीलिए लाया गया है ताकि रोहित शर्मा 2027 वनडे विश्व कप से पहले क्रिकेट से संन्यास ले लें. वहीं आर अश्विन ने भी इसकी आलोचना की है. उनका कहना है कि इससे खिलाड़ियों के चोटिल होने की संभावना बढ़ जाएगी. साथ ही उन्होंने दो फिटनेस कोचों के बीच कम से कम 6 महीने का ऐसे पीरियड की हिदायत दी ताकि खिलाड़ी उन्हें समझ सकें. 

वहीं एबी डिविलियर्स ने बीसीसीआई की इस पहल की सराहना की है. यह फिटनेस टेस्ट टीम इंडिया के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रूक्स ने लागू किया, जिन्होंने जून में सोहन देसाई के पद छोड़ने के बाद जिम्मेदारी संभाली. हालांकि यह कहना मुश्किल है कि बीसीसीआई का असल मकसद क्या है. हर कोच का अपना तरीका होता है. शंकर बसु ने 2017 में यो-यो टेस्ट लागू किया था, तब भी विवाद हुआ था. और अब ब्रॉन्को टेस्ट भी वैसी ही आलोचनाओं का सामना कर रहा है.

एबी डिविलियर्स की ब्रोंको टेस्ट पर प्रतिक्रिया

डिविलियर्स ने अपने पूरे करियर में यह फिटनेस टेस्ट दिया है. यह टेस्ट रग्बी से जुड़ा हुआ है और चूंकि दक्षिण अफ्रीका इस खेल में बेहतरीन रहा है, इसलिए वहां इसका इस्तेमाल होना कोई हैरानी की बात नहीं है. डिविलियर्स अपने करियर में कई स्पोर्ट्स में भाग ले चुके हैं, रग्बी भी इसमें से एक है. उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “मुझे जब टीम ने ब्रॉन्को टेस्ट के बारे में बताया तो मैंने कहा, यह क्या है? लेकिन जैसे ही उन्होंने समझाया, मुझे तुरंत समझ आ गया. मैं यह टेस्ट 16 साल की उम्र से करता आ रहा हूं.”

सबसे घटिया टेस्ट में से एक- ब्रोंको टेस्ट

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ने कहा कि ब्रोंको टेस्ट वास्तव में खिलाड़ियों को चुनौती देता है, लेकिन इसका बहुत फायदा है. इसी वजह से बीसीसीआई ने इसे लागू करके सही किया है. उन्होंने आगे कहा, “यहां दक्षिण अफ्रीका में हम इसे स्प्रिंट रिपीटेबिलिटी टेस्ट कहते हैं. यह सबसे घटिया (Worst) फिटनेस टेस्ट में से एक है. यहां की ऊंचाई लगभग 1500 मीटर समुद्र तल से ऊपर है, इसलिए ऑक्सीजन कम मिलता है और फेफड़े सचमुच जलने लगते हैं.” उन्होंने आगे कहा, “भारत को ब्रॉन्को टेस्ट को अपनी ट्रेनिंग में शामिल करते देखना शानदार है. यह फेफड़ों को जला देने वाला टेस्ट है, फिटनेस के लिए बेहतरीन है, लेकिन मजेदार बिल्कुल नहीं.” 

आपको बता दें कि बीसीसीआई ने एशिया कप 2025 से पहले भारतीय टीम के लिए इस टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है. हाल ही शुभमन गिल इस टेस्ट के लिए बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहुंच गए हैं. भारतीय टीम मैनेजमेंट तेज गेंदबाजों के वर्कलोड और समय-समय पर आने वाली चोट की समस्या से निपटने के लिए इस टेस्ट को लेकर आया है. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इससे यह समझने की कोशिश करेगा कि खिलाड़ियों को कहां काम करने की जरूरत है. 

ये भी पढ़ें:-

जब शोएब अख्तर की एक हरकत से कलकत्ता में भड़क गया दंगा, IND vs PAK का वो मैच जो बिना दर्शकों के खेला गया

कौन हैं 4 गेदों पर 4 विकेट लेने वाले आकिब नबी? दलीप ट्रॉफी के इतिहास में झटकी पहली डबल हैट्रिक

बेंगलुरु पहुंचे शुभमन गिल, एशिया कप 2025 से पहले BCCI के इस टेस्ट को पास करना होगा जरूरी