विश्व कप : गेंदबाजों से निबटने के लिए ‘सेंसर तकनीक’ का इस्तेमाल

बल्लेबाजों के बल्ले के हर एंगल का डाटा संग्रह हो रहा लंदन : ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर विश्व कप के आगे के कड़े मुकाबलों की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं और इसके लिए वह अपने बल्ले पर नये उपकरण का उपयोग कर रहे हैं, जो कि एक सेंसर है, जिसमें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2019 6:26 AM
बल्लेबाजों के बल्ले के हर एंगल का डाटा संग्रह हो रहा
लंदन : ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर विश्व कप के आगे के कड़े मुकाबलों की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं और इसके लिए वह अपने बल्ले पर नये उपकरण का उपयोग कर रहे हैं, जो कि एक सेंसर है, जिसमें बैकलिफ्ट के कोण से लेकर बल्ले की अधिकतम गति जैसे आंकड़े दर्ज रहते हैं. इस तकनीक की मदद से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज अपनी कमजोरियों पर तेजी से काम कर रहे हैं.अन्य बल्लेबाज भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.
आइसीसी से 2017 में मिली थी मंजूरी
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ने 2017 में बल्ले पर सेंसर लगाने के लिए मंजूरी प्रदान की थी, लेकिन आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज को छोड़कर पिछले दो वर्षों में किसी ने इसका उपयोग नहीं किया.
‘क्लाउड स्टोरेज’ से मोबाइल एप में संग्रह होता है डाटा
बल्लेबाज जब तक बल्लेबाजी कर रहा होता है, तब तक चिप जो भी आंकड़े हासिल करती है वे ‘क्लाउड स्टोरेज’ के जरिये मोबाइल ऐप में संग्रहीत हो जाते हैं, जिसमें बल्ले की गति, लंबाई, एंकल के बारे में सारी जानकारी होती है.
बल्ले के हेंडल में लगाया जाता है
बेंगलुरू स्थित कंपनी ‘स्मार्ट क्रिकेट’ ने बल्ले के सेंसर के लिए एक खास चिप तैयार की है, जिसका उपयोग ऑस्ट्रेलियाई कर रहे हैं. सेंसर चिप बल्ले के हैंडल के ऊपर लगायी जाती है. इस चिप का वजन 25 ग्राम के आस-पास है.
क्या कहते हैं दिग्गज
भारत के पूर्व टेस्ट विकेटकीपर और क्रिकेट विश्लेषक दीप दासगुप्ता ने कहा कि सेंसर से मिलनेवाले आंकड़े पेशेवर खिलाड़ियों के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं. पहले कोच बैकलिफ्ट के कोण या बल्ले की गति या बल्ले और शरीर के बीच दूरी के लिए अपने नैसर्गिक कौशल का उपयोग करते थे. मेरा मानना है कि अगर सटीक आंकड़े कोच की मदद कर सकते हैं, तो इनका उपयोग किया जाना चाहिए.