पूर्व कोच जोस ब्रासा ने कहा, भारतीय हॉकी टीम के पास विश्व कप स्वर्ण जीतने का सुनहरा मौका

नयी दिल्ली : पिछले एक दशक में भारतीय हॉकी टीम की प्रगति से प्रभावित पूर्व कोच जोस ब्रासा ने कहा कि इस बार भारत के पास अपने दर्शकों के सामने विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने का सुनहरा मौका है बशर्ते वे प्रदर्शन में निरंतरता बरकरार रखें . भुवनेश्वर में 28 नवंबर से शुरू हुए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 30, 2018 2:18 PM


नयी दिल्ली :
पिछले एक दशक में भारतीय हॉकी टीम की प्रगति से प्रभावित पूर्व कोच जोस ब्रासा ने कहा कि इस बार भारत के पास अपने दर्शकों के सामने विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने का सुनहरा मौका है बशर्ते वे प्रदर्शन में निरंतरता बरकरार रखें . भुवनेश्वर में 28 नवंबर से शुरू हुए विश्व कप में भारत ने पूल सी में अपने अभियान का आगाज दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5 – 0 से जीत के साथ किया . अब उसका सामना दो दिसंबर को दुनिया की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम से और आठ दिसंबर को कनाडा से होगा .

ब्रासा ने बेल्जियम के लीज से को दिये इंटरव्यू में कहा ,‘ भारत के लिए अपने घरेलू मैदान पर विश्व कप पदक जीतना आसान होगा . भारतीय टीम ऐसी है जो अपना दिन होने पर किसी भी टीम को हरा सकती है और किसी भी बड़े टूर्नामेंट में पदक जीत सकती है लेकिन इसके साथ ही किसी भी टीम से हार भी सकती है. भारत को प्रदर्शन में निरंतरता रखनी होगी .’ उन्होंने कहा , ‘ इसमें कोई शक नहीं कि भारत अब बेल्जियम, जर्मनी, आस्ट्रेलिया और नीदरलैंड की शीर्ष जमात में है . लेकिन यह ऐसी टीम भी है जो आसान मैच भी हार सकती है.’ ब्रासा ने कहा कि भारत को घरेलू मैदान पर खेलने का अतिरिक्त फायदा मिलेगा.

उन्होंने कहा ,‘‘ भुवनेश्वर जैसी जगह पर खचाखच भरे स्टेडियम में खेलने से भारत को बेहतर प्रदर्शन की प्रेरणा मिलेगी और बड़े टूर्नामेंटों में पदक जीतने का अनुभव नहीं होना भी भारी नहीं पड़ेगा . लेकिन हमेशा दर्शकों के समर्थन को ही मानदंड नहीं माना जा सकता .’ ब्रासा के कोच रहते भारत ने दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010 में रजत और ग्वांग्झू एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था लेकिन बाद में हॉकी इंडिया ने उनके अनुबंध का विस्तार नहीं किया . दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत के पहले मैच के बारे में उन्होंने कहा कि मेजबान टीम ने टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया . उन्होंने कहा ,‘‘ भारत ने टुकड़ों में अच्छा खेला. शायद पहले दो गोल जल्दी करने के बाद उन्होंने ढील छोड़ दी. दक्षिण अफ्रीका उतनी मजबूत प्रतिद्वंद्वी नहीं थी लेकिन बड़ी टीमों के खिलाफ चार पेनल्टी कार्नर गंवाना भारी पड़ सकता है .

‘ उन्होंने भारतीय गोलकीपर पी आर श्रीजेश की तारीफ करते हुए कहा ,‘‘ भारत के पास श्रीजेश जैसा शानदार गोलकीपर है और उसके रहते वे कोई भी मैच जीत सकते हैं . उम्मीद है कि दबाव वाले मैचों में भारत का प्रदर्शन बेहतर होगा . भारत को अब पूल चरण में अजेय रहकर सीधे क्वार्टर फाइनल में पहुंचने पर फोकस करना चाहिए . ‘ ब्रासा ने कहा कि पिछले दस साल में भारतीय टीम के प्रदर्शन में काफी सुधार आया है और इसका श्रेय बेहतर बुनियादी ढांचे और विदेशी कोचों को जाता है .

उन्होंने कहा , ‘‘ पिछले दस साल में भारत में कृत्रिम टर्फ की संख्या कई गुना बढ़ी है . भारतीय हॉकी के पास अच्छा प्रशासन है और पिछले दस साल में रिक चार्ल्सवर्थ तथा रेालेंट ओल्टमेंस जैसे बेहतरीन कोचों के अनुभव का भारत को लाभ मिला है .’ उन्होंने आगे कहा ,‘ इसके अलावा भारत में हॉकी के लिए अच्छा बजट है और लोगों का इस खेल से जज्बाती जुड़ाव भी है जो काफी अहम है .’ यह पूछने पर कि क्या उन्हें भारत की याद आती है, उन्होंने कहा ,‘‘ बिल्कुल . भारतीयों को हाकी से प्यार है और मुझे भी और यही वजह है कि मुझे भारत से प्यार है .’

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