आज मनाई जा रही है शबरी जयंती, जानें किस शुभ मुहूर्त में करें भगवान श्रीराम की पूजा
Shabari Jayanti 2025: रामायण में अनेक पात्रों का उल्लेख किया गया है, जिनमें से एक प्रमुख पात्र शबरी हैं. 'शबरी के जूठे बेर' के बिना रामायण की कथा अधूरी मानी जाती है. भगवान राम ने शबरी की भक्ति को सम्मानित करते हुए उनके जूठे बेर का सेवन किया था. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती का आयोजन किया जाता है. इस दिन श्रीराम के भक्त शबरी की स्मृति में यात्रा निकाली जाती है और विधिपूर्वक उनकी पूजा की जाती है.
Shabari Jayanti 2025: प्रत्येक वर्ष फाल्गुन कृष्ण सप्तमी तिथि को शबरी जयंती का आयोजन किया जाता है. मान्यता के अनुसार, चौदह वर्षों के वनवास के दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम ने शबरी द्वारा दिए गए झूठे बेरों का सेवन किया था. इसी कारण, हर वर्ष जानकी जयंती के एक दिन पूर्व सप्तमी तिथि को शबरी जयंती धूमधाम से मनाई जाती है. इस वर्ष, 20 फरवरी 2025, गुरुवार को शबरी जयंती का उत्सव मनाया जा रहा है.
जानें शबरी जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रत्येक वर्ष फाल्गुन कृष्ण सप्तमी तिथि को शबरी जयंती का आयोजन किया जाता है. मान्यता के अनुसार, चौदह वर्षों के वनवास के दौरान प्रभु श्री राम ने शबरी द्वारा दिए गए बेरों का सेवन किया था, जो कि झूठे थे. इसी कारण, हर वर्ष जानकी जयंती के एक दिन पूर्व सप्तमी तिथि को शबरी जयंती धूमधाम से मनाई जाती है. इस वर्ष, 20 फरवरी 2025, गुरुवार को शबरी जयंती का उत्सव मनाया जाएगा.
शबरी जयंती का महत्व
हिंदू धर्म के अनुसार, इस दिन भगवान श्री राम की अनंत कृपा से शबरी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. कहा जाता है कि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शबरी ने अपनी भक्ति के फलस्वरूप मोक्ष प्राप्त किया. इसी कारण से शबरी जयंती मनाने की परंपरा स्थापित हुई है.
शबरी की राम से भेंट
शबरी ने अपने घर को छोड़कर वन में भटकना शुरू कर दिया था. इस दौरान किसी ने भी उन्हें अपने आश्रम में आश्रय नहीं दिया. अंततः वह मतंग ऋषि के आश्रम पहुंची, जहां मतंग ऋषि ने अपने शरीर को त्यागने से पूर्व शबरी को आशीर्वाद दिया कि भगवान राम उनसे अवश्य मिलेंगे. इसके बाद शबरी को मोक्ष की प्राप्ति होगी. शबरी ने अपने जीवन का अधिकांश समय राम की प्रतीक्षा में बिताया. अंततः भगवान राम ने न केवल शबरी को दर्शन दिए, बल्कि उनके जूठे बेर भी ग्रहण किए.
