Rahu Ketu Dosh Marriage Problems: राहु केतु दोष से क्या सचमुच शादी में बन जाते हैं रुकावट?

Rahu Ketu Dosh Marriage Problems: राहु-केतु दोष को अक्सर शादी में देरी, गलत जीवनसाथी के चयन और दांपत्य तनाव का कारण माना जाता है. लेकिन क्या यह वास्तव में इतना प्रभावशाली है, या सिर्फ ज्योतिष से जुड़े आम मिथक हैं? जानें कि छाया ग्रहों का वैवाहिक जीवन पर असल असर क्या होता है.

By Shaurya Punj | November 25, 2025 10:04 AM

Rahu Ketu Dosh Marriage Problems: हिंदू ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है, जिनका सीधा असर व्यक्ति के मानसिक, आध्यात्मिक और वैवाहिक जीवन पर बताया जाता है. शादी के संदर्भ में अक्सर कहा जाता है कि जन्म कुंडली में राहु-केतु का दोष होने से विवाह में देरी, गलत जीवनसाथी की चुनौतियां या दांपत्य में तनाव बढ़ सकता है. लेकिन क्या यह वास्तव में पूरी सच्चाई है?

राहु-केतु अकेले विवाह तय नहीं करते

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि राहु-केतु अकेले ही विवाह को प्रभावित नहीं करते. यह एक मिथक है कि कुंडली में इन ग्रहों की मौजूदगी से शादी में समस्या होना तय है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, विवाह योग कई ग्रहों—जैसे शुक्र, बृहस्पति, सप्तम भाव और उसके स्वामी—के संयुक्त प्रभाव से बनता है. यदि यह योग मजबूत हो, तो राहु-केतु का प्रभाव काफी हद तक संतुलित हो जाता है.

कब असर दिखाते हैं राहु और केतु?

हां, कुछ मामलों में राहु सप्तम भाव में होने पर रिश्तों में भ्रम, गलतफहमी और अविश्वास बढ़ा सकता है. वहीं केतु दूरी का भाव ला सकता है. लेकिन यह तभी प्रभावी होता है जब अन्य शुभ ग्रह कमजोर हों. अनुभवी ज्योतिषी एकल ग्रह दोष देखकर भविष्यवाणी नहीं करते, बल्कि समग्र कुंडली, दशा और गोचर को देखते हैं.

राहु-केतु से जुड़े सामान्य उपाय

उपायों की बात करें तो राहु-केतु से जुड़े भय को कम करने के लिए नियमित ध्यान, मंत्र जाप, गुरुवार का व्रत, और परिवार के बुजुर्गों का सम्मान जैसे सरल उपाय काफी प्रभावी माने जाते हैं. नकारात्मकता कम होती है और मानसिक स्थिरता बढ़ती है, जिससे रिश्तों में सुधार स्वतः आता है.

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सच, मिथक और संतुलन

राहु-केतु दोष शादी में बाधा बन सकता है—लेकिन हमेशा नहीं. यह आधा-सच है जिस पर कई मिथक खड़े हैं. सही सलाह, संतुलित विश्लेषण और सकारात्मक दृष्टिकोण से विवाह योग बिल्कुल मजबूत किया जा सकता है.