Pitru Paksha 2025: मातृ नवमी पर करें दिवंगत माताओं का श्राद्ध, जानें तिथि, महत्व और मुहूर्त

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष में दिवंगत माताओं के लिए विशेष रूप से मातृ नवमी श्राद्ध रखा जाता है. यह श्राद्ध पितृ पक्ष की नवमी तिथि को किया जाता है. यदि किसी महिला की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो, तब भी उनका श्राद्ध इस दिन किया जा सकता है.

By Neha Kumari | September 13, 2025 8:04 PM

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष का हिंदू धर्म में खास महत्व है. पितृ पक्ष के दौरान लोग दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करते हैं. मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज धरती पर आते हैं. इस दौरान किए गए कर्मकांड से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है.

पितृ पक्ष के दौरान अलग-अलग तिथियों में अलग-अलग नाम से श्राद्ध किए जाते हैं, जिनका अपना-अपना महत्व होता है. इनमें से एक है मातृ नवमी श्राद्ध, जो विशेष रूप से मृत माताओं के लिए किया जाता है. इस साल यह श्राद्ध 15 सितंबर 2025, सोमवार को किया जाएगा.

मातृ नवमी श्राद्ध मुहूर्त

इस दिन श्राद्ध के लिए सबसे शुभ समय सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:41 बजे तक है, जिसे कुतुप मुहूर्त कहा जाता है. इसके बाद दोपहर 12:41 बजे से 01:30 बजे तक रौहिण मुहूर्त है, जो भी श्राद्ध के लिए शुभ माना जाता है. दोपहर 01:30 बजे से 03:58 बजे तक अपराह्न काल मुहूर्त है, इस समय भी श्राद्ध किया जा सकता है.

मातृ नवमी श्राद्ध का महत्व

मातृ नवमी श्राद्ध विशेष रूप से मृत माताओं के लिए किया जाता है. यह पितृ पक्ष की नवमी तिथि को संपन्न होता है. यदि किसी महिला की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो, तब भी उनका श्राद्ध इस दिन किया जा सकता है. मान्यता है कि इस श्राद्ध से परिवार पर मातृशक्ति का आशीर्वाद बना रहता है और सुख-समृद्धि बढ़ती है. इसके अलावा, जिन पितरों की मृत्यु किसी भी महीने की नवमी तिथि को हुई हो, उनका श्राद्ध भी इसी दिन किया जाता है.

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