Masik Shivratri Vrat 2021: आज है इस साल की पहली मासिक शिवरात्रि व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व

Masik Shivratri Vrat 2021: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है. यह भगवान शिव का दिन होता है. मासिक शिवरात्रि का व्रत कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को किया जाता है. शिवरात्रि शिव और शक्ति के अभिसरण का महान पर्व है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2021 10:09 AM

Masik Shivratri Vrat 2021: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है. यह भगवान शिव का दिन होता है. मासिक शिवरात्रि का व्रत कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को किया जाता है. शिवरात्रि शिव और शक्ति के अभिसरण का महान पर्व है. मासिक का अर्थ है ‘महा या महीना’ और शिवरात्रि का अर्थ है ‘भगवान शिव की रात’. मान्यता है कि महा शिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि में भगवान शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे.

पहली बार शिवलिंग की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने की थी. इसीलिए महा शिवरात्रि को भगवान शिव के जन्मदिन के रूप में जाना जाता है. इस दिन श्रद्धालु शिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा करते हैं. इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है. इस बार साल की पहली मासिक शिवरात्रि 11 जनवरी को मनाई जाएगी. शिवरात्रि व्रत प्राचीन काल से प्रचलित है. शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, इन्द्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती और रति ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था.

मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ 11 जनवरी दिन रविवार की रात 12 बजकर 02 मिनट पर

चतुर्दशी तिथि समाप्त 12 जनवरी दिन सोमवार की रात 12 बजकर 56 मिनट पर

मासिक शिवरात्रि पूजन विधि

इस दिन सूर्योदय से पहले उठें. स्नान करें. भगवान शिव का ध्‍यान कर व्रत का संकल्‍प लें.

शिवलिंग पर जल, घी, दूध, शक्‍कर, शहद, दही आदि अर्पित करें. बाबा भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाएं.

ऊं नम: शिवाय मंत्र का लगातार जप करें.

भगवान शिव के साथ माता पार्वती की आरती भी करें.

भगवान को लगाए जाने वाले भोग में कुछ मीठा जरूर शामिल करें.

मासिक शिवरात्रि का महत्व

मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. क्योंकि इस व्रत में व्यक्ति को अपने अवगुणों का त्याग करना होता है. इस व्रत को करके देवी-देवताओं ने मनचाहा वरदान पाया है. भगवान शिव के पूजन के लिए उचित समय प्रदोष काल माना जाता है. शिव पुराण के अनुसार, इस दिन व्रत करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं. जीवन की मुश्किलें दूर होती हैं.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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