Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2025: इस दिन है गुरु तेग बहादुर सिंह जी का शहीदी दिवस, जानें सिखों के नौवें गुरु के बारे में
Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2025: गुरु तेग बहादुर जी सिख धर्म के नौवें गुरु थे, जिनका जीवन साहस और त्याग का प्रतीक है. उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया. उनका शहीदी दिवस हमें न्याय, समानता और मानवाधिकारों के लिए खड़े होने की प्रेरणा देता है.
Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2025: गुरु तेग बहादुर जी सिखों के दस गुरुओं में से नौवें गुरु थे. वे सिख धर्म के महान संत, विचारक और लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता के रक्षक माने जाते हैं. उनका जीवन साहस, त्याग और मानवता की सेवा के लिए समर्पित था. गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस उनकी महान शहादत और उनके दिए संदेशों को याद करने का दिन है. आपको बता दें सिखों के 10 गुरुओं में से गुरु तेग बहादुर जी नौवें थे.
गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस कब है?
सिख धर्म के 9वें गुरु, गुरु तेग बहादुर सिंह जी का 350वां शहीदी दिवस 24 नवंबर 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा. उन्हें “भारत का कवच” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अत्याचारों के खिलाफ डटकर संघर्ष किया.
गुरु तेग बहादुर शहीदी का इतिहास
औरंगज़ेब के शासनकाल में हिंदुओं, खासकर कश्मीरी पंडितों पर जबरन इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव डाला जा रहा था. वे इन अत्याचारों से परेशान होकर मदद के लिए गुरु तेग बहादुर जी के पास पहुंचे. गुरु जी ने उनकी रक्षा के लिए आगे आकर कहा कि अगर उन्हें इस्लाम में धर्मांतरित किया जा सकता है, तो बाकी लोग भी मान जाएंगे. यह बात सुनकर मुगल शासक ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. गुरु जी चार महीने तक जेल में रहे. इस दौरान उन्होंने अपने तीन शिष्यों—भाई मतीदास, भाई सतिदास और भाई दयालादास—को क्रूर तरीके से शहीद होते देखा, लेकिन अपने सिद्धांतों से पीछे नहीं हटे. आखिरकार 11 नवंबर 1675 को गुरु तेग बहादुर जी को दिल्ली में फांसी दे दी गई. उनकी शहादत धार्मिक स्वतंत्रता, सहिष्णुता और सत्य के लिए लड़ने का अद्भुत उदाहरण है.
गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस का महत्व
गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान हमें सिखाता है कि सही के लिए खड़े होना कितना जरूरी है, चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों. उनका जीवन साहस, करुणा और न्याय का प्रतीक है.
कैसे मनाया जाता है गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस?
इस दिन सिख समुदाय और अन्य लोग गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन, अरदास और सभाएं आयोजित करते हैं. लोग गुरु जी की शिक्षाओं को याद करते हैं और उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हैं. उनकी शहादत हमें समानता, स्वतंत्रता और दूसरों की रक्षा करने के महत्व को भी समझाती है.
