Dhanteras 2025: धनतेरस पर खील-बताशे चढ़ाना क्यों होता है महत्वपूर्ण? जानें कहीं इससे तो नहीं खुलती है बंद किस्मत के तालें

Dhanteras 2025: क्या आप जानते हैं कि धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी को खील और बताशे चढ़ाने की परंपरा क्यों निभाई जाती है? आइए जानते हैं इसके धार्मिक महत्व और लाभ.

By JayshreeAnand | October 18, 2025 1:00 PM

Dhanteras 2025: धनतेरस का पर्व मां लक्ष्मी की आराधना और सुख-समृद्धि की कामना के लिए खास माना जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी को खील और बताशे चढ़ाने की परंपरा बहुत पुरानी है. मान्यता है कि इन दोनों प्रसादों को अर्पित करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है.

खील-बताशे क्यों है महत्वपूर्ण?

खील यानी फूला हुआ धान और बताशे यानी चीनी से बने छोटे गोले, दोनों ही समृद्धि और मिठास के प्रतीक हैं. खील को धन और वैभव से जोड़ा गया है, जबकि बताशे को सुख और प्रेम का प्रतीक माना गया है. इन्हें मां लक्ष्मी को अर्पित करने से जीवन में सुख, शांति और सौभाग्य बढ़ता है.

ज्योतिषीय महत्व

धनतेरस के दिन शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए खील और बताशे चढ़ाना शुभ माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार, शुक्र ग्रह धन, विलासिता और सौंदर्य का कारक है. इसलिए इन प्रसादों को अर्पित करने से शुक्र ग्रह का आशीर्वाद मिलता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.

यह भी पढ़ें: Diwali 2025 Kuber Puja: दिवाली पर करवानी है धन की बरसात? तो कुबेर जी को चढ़ाना न भूलें उनकी ये खास पसंदीदा चीजें

मां लक्ष्मी का प्रिय भोग

माना जाता है कि खील और बताशे मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं. इन मीठे और पवित्र प्रसादों को चढ़ाने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यही कारण है कि दीपावली और धनतेरस दोनों दिनों पर इनका विशेष महत्व रहता है.

फसल और आभार का प्रतीक

पुरानी परंपरा के अनुसार, खील और बताशे नई फसल के पहले भोग के रूप में तैयार किए जाते हैं. इन्हें चढ़ाकर लोग मां लक्ष्मी को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने साल भर अन्न और संपन्नता प्रदान की.

खील और बताशे किस देवी-देवता को चढ़ाए जाते हैं?

धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है. खील-बताशे मुख्य रूप से मां लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं.

खील और बताशे कब चढ़ाने चाहिए?

शाम के समय, धनतेरस पूजा मुहूर्त में दीप जलाने और मां लक्ष्मी की आरती के बाद खील-बताशे चढ़ाना शुभ माना जाता है.

क्या खील-बताशे सिर्फ धनतेरस पर ही चढ़ाए जाते हैं?

नहीं, कई लोग इन्हें दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन में भी चढ़ाते हैं, क्योंकि यह देवी को अत्यंत प्रिय माने जाते हैं.

ये भी पढ़े  Kuber Ji Ki Aarti

ये भी पढ़े  Dhanteras Ki Katha

ये भी पढ़ेDhanteras Puja Vidhi

ये भी पढ़ेKuber Chalisa 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.