Corona Effect : पहली बार बदलनी पड़ी केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट खोलने की तारीख, जानें कब होंगे अब दर्शन

कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए पूरे देश मे लॉकडाउन लागू है.ऐसे में सभी धार्मिक संस्थान भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं.वहीं इस बीच केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट खोलने की तिथि भी बदल दी गई है और अब हर बार की तरह इस बार कपाट निर्धारित तिथि पर नहीं खुलेंगे.इस बार दोनों धामों के लिए कपाट खोलने की प्रस्तावित तिथि बदल दी गई है.उत्तराखंड स्थिति भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट अब 15 मई को सुबह साढ़े 4 बजे खोले जाएंगे वहीं केदारनाथ धाम की बात करें तो यहां कपाट 14 मई को खोले जाएंगे.सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार केदारनाथ धाम का कपाट हमेसा बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने के ठीक एक दिन पहले खोला जाता है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | April 21, 2020 12:16 PM

कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए पूरे देश मे लॉकडाउन लागू है.ऐसे में सभी धार्मिक संस्थान भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं.वहीं इस बीच केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट खोलने की तिथि भी बदल दी गई है और अब हर बार की तरह इस बार कपाट निर्धारित तिथि पर नहीं खुलेंगे.इस बार दोनों धामों के लिए कपाट खोलने की प्रस्तावित तिथि बदल दी गई है.उत्तराखंड स्थिति भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट अब 15 मई को सुबह साढ़े 4 बजे खोले जाएंगे वहीं केदारनाथ धाम की बात करें तो यहां कपाट 14 मई को खोले जाएंगे.सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार केदारनाथ धाम का कपाट हमेसा बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने के ठीक एक दिन पहले खोला जाता है.

Also Read: Akshaya Tritiya 2020 : आज के दिन धरती पर हुआ था मां गंगा का आगमन, जानें क्याें अक्षय तृतीया के दिन शुभ कार्यों के लिए नहीं देखा जाता कोई समय

कब खुलने वाला था कपाट –

इससे पहले निर्धारित तिथि के अनुसार केदारनाथ धाम का कपाट 29 अप्रैल को खोला जाना था. वहीं बदरीनाथ धाम का कपाट 30 अप्रैल को श्रद्धालुओ के लिए खोले जाने थे.जिसकी तिथि अब बदल दी गई है.

कब खुलेंगे गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट –

गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट उसी तिथि को खोला जाएगा जो तिथि पहले से प्रस्तावित थी.यानी 26 अप्रैल को दोनों जगह के कपाट खोल दिए जाएंगे.

केरल के रावल को ही है पूजा अर्चना और प्रतिमा को छूने का अधिकार –

बदरीनाथ में दक्षिण भारतीय रीति रिवाजों के अनुसार ही पूजा पाठ होता है इसके लिए केरल से रावल आते हैं और पूजा सम्पन्न करते हैं. बदरीनाथ में पूजा करने का अधिकार एक परंपरा के अनुसार केरल के रावल को ही है. यह अधिकार शंकराचार्य ने दिया था और इसे आज भी निभाया जाता है. इस साल केरल से आए रावल 14 दिनों के लिए क्वरंटाइन पर रहेंगे इसलिए नई तिथि की घोषणा कर दी गई है.

Next Article

Exit mobile version