Mughal Harem Stories : हिंदू रानियां राजनीतिक समझौते की वजह से मुगल हरम तक पहुंचीं, लेकिन नहीं मिला सम्मान

Mughal Harem Stories 7 : हिंदू रानियां मुगलों के हरम तक राजनीतिक समझौते और अपनी सुंदरता की वजह से पहुंचीं. इनके बेटे तख्त के वारिस भी बने, लेकिन सच्चाई यह है कि हिंदू रानियों की हरम में कोई हैसियत नहीं होती थी. वे महज राजा की पसंद थीं, उन्हें ना तो कोई प्रशासनिक अधिकार प्राप्त था और ना ही उनकी स्वीकार्यता मुस्लिम रानियों की तरह थी.

By Rajneesh Anand | February 28, 2025 6:35 PM

Mughal Harem Stories : मुगलों ने भारत को ना केवल अपनाया बल्कि उन्होंने इस धरती को अपना मान भी माना. मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर को जब अंग्रेजों ने बंदी बनाकर रंगून भेज दिया था, तो उन्होंने अपने देश के लिए अपनी मोहब्बत दर्शाते हुए लिखा था- ‘कितना है बदनसीब ‘ज़फ़र’ दफ़्न के लिए दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में’. बहादुर शाह जफर मुगलों का अंतिम बादशाह था. बावजूद इसके जब हम उनके इतिहास को पढ़ेंगे तो यह पाएंगे कि मुगलों ने राजनीतिक संधि के तहत हिंदू औरतों से शादी तो की, लेकिन उन्हें वह सम्मान नहीं दिया, जो उनकी अन्य बीवियों को मिला हुआ था. 

मुगल शासक जिन्होंने हिंदू रानियों से शादी की 

जोधाबाई

मुगल शासकों में हिंदू रानियों से शादी करने वाले कई शासक हुए. बाबर और हुमायूं को छोड़ दें तो उसके बाद के लगभग सभी बादशाहों की हरम में हिंदू महिलाएं थीं. लेकिन अकबर जैसे बादशाह ने ही हिंदू रानी जोधाबाई को मान दिया, बाकी राजाओं ने तो उन्हें महज राजनीति का हिस्सा ही माना. अकबर मुगल बादशाह अकबर की 300 से अधिक रानियां थीं, जिनमें से कई हिंदू भी थीं. जिनमें जोधा बाई, राज कुंवारी, भानुमती, नाथी बाई, पूरम बाई, रुक्मावती, हीरा कुमारी और बीबी दौलत शाद का नाम शामिल है. अकबर ने अपनी पसंदीदा पत्नी की लिस्ट में जोधाबाई का नाम रखा था, जो आमेर की राजकुमारी थी और उसका निकाह महज राजनीतिक समझौता था. मुगल बादशाह जहांगीर ने भी दो हिंदू रानियों से निकाह किया था. जिनका नाम मानबाई और जगतगोसाई था. औरंगजेब के बारे में भी यह कहा जाता है कि उन्होंने नवाब बाई और उदैपुरी से शादी थी. ये दोनों अपने पति औरंगजेब से बेहद प्रेम करती थीं.

हिंदू रानियों के बेटे ताज के अधिकारी भी बने

अकबर की पत्नी जोधाबाई जिन्हें मरियम-उज-ज़मानी की उपाधि प्राप्त थी, उन्हें अकबर की प्रमुख रानी माना जाता था. सलीम उनके ही बेटे थे, जिन्हें अकबर का उत्तराधिकारी माना गया और वे जहांगीर के नाम से तख्त पर बैठे. उनके अलावा जहांगीर की पत्नी मानबाई यानी बिलकिस मकानी के बेटे थे शाहजहां, जिन्हें तख्त पर बैठने का अवसर मिला. इनके अलावा आलमीगीर द्वितीय, शाह आलम द्वितीय और बहादुरशाह जफर द्वितीय की मां हिंदू थीं. बहादुर शाह जफर की मां का नाम लालबाई था.

हरम में हिंदू रानियों की नहीं थी हैसियत

मुगलों के हरम पर अगर गौर करें, तो उनके हरम की कमान हमेशा मुस्लिम रानियों के पास ही रही. हिंदू रानियां राजा की चहेती तो बन सकती थीं, लेकिन प्रशासन उन्हें नसीब नहीं हुआ. संभवत: उन्हें उतनी आजादी भी ना मिली हो. अकबर के समय भी जोधाबाई हरम की संचालिका नहीं थी. उनकी मां और माहम अंगा, जो उनकी पालक माता थी, वे हरम पर ज्यादा प्रभाव रखती थीं. नूरजहां और मुमताज महल जैसी रानियां हरम की सबसे ताकतवर महिला बनीं, लेकिन दोनों ही मुस्लिम थीं. जोधाबाई के बारे में यह कहा जाता है कि उन्हें अकबर ने अपने महल में हिंदू रीति-रिवाज से रहने की इजाजत थी, लेकिन इसके पुख्ता प्रमाण नहीं मिलते हैं. हालांकि अकबर एक लिबरल बादशाह था और उसने हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी कायम की थी.

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अकबर की हिंदू पत्नी कौन थी?

अकबर ने कई हिंदू रानियों से शादी की थी. जोधाबाई उनकी प्रिय पत्नी थी जो आमेर की राजकुमारी थी.

जहांगीर की हिंदू पत्नी, जो शाहजहां की मां थी?

जहांगीर की हिंदू पत्नी मानबाई थी, जो शाहजहां की मां थी.