GST Reforms : अमेरिकी टैरिफ से निपटने के लिए सरकार ने आम आदमी को दी राहत, जरूरत की चीजें होंगी सस्ती तो बढ़ेगी डिमांड

GST Reforms : जीएसटी कौंसिल ने आम लोगों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए जीएसटी के मौजूदा चार स्लैब - 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत में बदलाव करते हुए इसे 5 और 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में बदल दिया है. इससे जरूरत के सामान सस्ते होंगे और टैक्स वसूली की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी. अमेरिकी टैरिफ का मुकाबला करने के लिए सरकार ने घरेलू मांग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से साबुन से लेकर छोटी कारों तक सैकड़ों उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती की है.

By Rajneesh Anand | September 4, 2025 5:53 PM

GST Reforms : जीएसटी कौंसिल ने बुधवार को दीपावली से पहले ही आमलोगों को बड़े गिफ्ट की घोषणा कर दी है, जिससे उनका जीवन ज्यादा सहज और सुविधाजनक हो जाएगा. पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से जिस जीएसटी सुधार की घोषणा की थी उसका ऐलान बुधवार 3 सितंबर को कर दिया गया.टैक्स स्लैब में पारदर्शिता की वजह से आम आदमी से मनमाना टैक्स वसूलना मुश्किल होगा, जो उनके जीवन के लिए बूस्टर डोज साबित हो सकता है.

जीएसटी सुधारों की घोषणा

जीएसटी परिषद सभी नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए जीएसटी सुधारों की घोषणा की है, जिसमें अब टैक्स की  5 और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय संरचना होगी, जो 22 सितंबर से लागू होगी. जीएसटी कौंसिल ने अब टू टियर टैक्स स्ट्रक्चर को मंजूरी दे दी है. इस टैक्स स्ट्रक्चर से छोटे व्यापारियों और व्यवसायियों को व्यापार करने में बहुत आसानी होगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की, हमने स्लैब कम कर दिए हैं. अब केवल दो स्लैब होंगे और हम क्षतिपूर्ति उपकर के मुद्दों पर भी विचार कर रहे हैं.

टू-टियर टैक्स स्ट्रक्चर से क्या होगा फायदा

दो-टियर टैक्स स्ट्रक्चर से आम आदमी को बहुत फायदा होगा. पहले टैक्स स्लैब अधिक था, तो आम आदमी को यह समझ नहीं आता था कि किस सामान पर कितना टैक्स लगेगा. अब टू टियर टैक्स स्ट्रक्चर से पारदर्शी और सरल व्यवस्था बनेगी. टैक्स स्लैब कम होने से लोगों को उलझन भी कम होगी. साथ ही व्यापारी मनमाना चार्ज भी नहीं लगा पाएंगे. इसका फायदा यह मिलेगा कि आम जरूरत की चीजों के दाम एक समान बने रहेंगे और उनमें ज्यादा अस्थिरता नहीं दिखेगी. साथ ही सामानोंके सस्ता होने की पूरी उम्मीद है, क्योंकि अब सामान या तो लोअर टैक्स स्लैब में होंगे या फिर हाई में. जरूरी सामान जैसे दवा, कपड़े, फूड प्रोडक्ट्स को आमतौर पर कम स्लैब में रखा जाता है जिससे आम आदमी को सस्ता सामान मिलेगा और उनके जीवन की परेशानी थोड़ी कम होगी. अर्थशास्त्री हरेश्वर दयाल ने प्रभात खबर के साथ बात करते हुए कहा कि टैक्स स्लैब में जो बदलाव किया गया है, उससे आम आदमी को लाभ होगा क्योंकि उनकी जरूरत की चीजें सस्ती होंगी. चीजें सस्ती होंगी तो उसकी डिमांड बढ़ेगी, लेकिन यह डिमांड टैरिफ के असर से हमारी जिन चीजों की डिमांड घट रही है उसकी भरपाई कर पाएगा या नहीं यह बता पाना मुश्किल है. हां, यह जरूर कहा जा सकता है कि जीएसटी रिफाॅर्म से चीजें आसान होंगी, टैक्स वसूली में आसानी होगी.

जीएसटी दरें इस प्रकार हैं

GST स्लैबकौन-कौन सी वस्तुएँ / सेवाएँफायदा आम आदमी को
0% (Tax-Free Items)– 33 जीवन रक्षक दवाएं (कैंसर, रेयर डिजीज) – जीवन बीमा, स्वास्थ्य पॉलिसी – पेंसिल, शार्पनर, रबड़, नोटबुक, क्रेयॉन, मानचित्र, ग्लोब – UHT दूध, पैक्ड पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती/रोटीज़रूरी सामान और शिक्षा/स्वास्थ्य सस्ता, लोगों की जेब पर बोझ नहीं
5% तक– शैम्पू, साबुन, टूथपेस्ट, टूथब्रश, शेविंग क्रीम – मक्खन, घी, नमकीन, पनीर – शिशु नैपकिन, क्लिनिकल डायपर, दूध की बोतलें – सिलाई मशीन और पुर्जे – मेडिकल ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट, थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर – सुधारात्मक चश्मे – ट्रैक्टर और उसके टायर, पुर्जे – बायो-कीटनाशक, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स – टपक सिंचाई, कृषि मशीनेंरोजमर्रा की चीजें और खेती-किसानी से जुड़ी चीजें किफायती
18% तक– पेट्रोल/डीज़ल हाइब्रिड छोटी कारें – तीन पहिया वाहन – मोटरसाइकिल (350cc तक) – मालवाहक वाहन – एयर कंडीशनर – 32 इंच से बड़े LED/LCD टीवी, मॉनिटर, प्रोजेक्टर – डिशवॉशिंग मशीनघरेलू इलेक्ट्रॉनिक और वाहन सेक्टर मध्यम टैक्स में, आम आदमी के लिए “सुविधा वाली चीज़ें”
40% तक (Luxury Goods)– पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी – कैफीनयुक्त/एनर्जी ड्रिंक – धूम्रपान पाइप – 350cc से ऊपर मोटरसाइकिलें – प्राइवेट जेट, नौकाएं – रिवॉल्वर और पिस्तौलयह लग्ज़री और हानिकारक चीज़ें हैं → सरकार ज्यादा टैक्स लगाकर इन्हें महँगा रखती है

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