NCRB : कोलकाता सबसे सुरक्षित

NCRB : पिछले कुछ वर्षों में कोलकाता की अपराध दर में लगातार कमी आयी है. वर्ष 2016 में वहां अपराध की दर प्रति एक लाख की आबादी पर 159.6 थी, जो 2021 में घटकर 103.5, 2022 में 86.5 और 2023 में घटकर 83.9 रह गयी. एनसीआरबी के अनुसार, यह गिरावट दर्शाती है कि शहर में कानून-व्यवस्था और पुलिस प्रशासन ने अपराध पर नियंत्रण के लिए लगातार काम किया है. कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी कमी आयी है.

By संपादकीय | October 8, 2025 8:41 AM

NCRB : एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) ने अपराध दर्ज होने को आधार बनाकर देश के शीर्ष सुरक्षित शहरों की जो सूची जारी की है, उसमें लगातार चौथी बार कोलकाता सबसे सुरक्षित शहर के रूप में सामने आया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है. वर्ष 2023 में कोलकाता में प्रति एक लाख की आबादी पर 83.9 संज्ञेय अपराध दर्ज किये गये, जो ब्यूरो द्वारा सर्वेक्षण किये गये 20 लाख से अधिक आबादी वाले 19 शहरों में सबसे कम है.

एनसीआरबी के मुताबिक, अपराध नियंत्रण में तकनीक के इस्तेमाल, पुलिस के बेहतर समन्वय और रात्रि गश्त की सख्ती की इसमें अहम भूमिका है. कोलकाता पुलिस द्वारा शहरभर में लगाये गये सीसीटीवी कैमरे, ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम और डाटा आधारित निगरानी प्रणाली ने अपराध कम करने में मदद की है. पिछले कुछ वर्षों में कोलकाता की अपराध दर में लगातार कमी आयी है. वर्ष 2016 में वहां अपराध की दर प्रति एक लाख की आबादी पर 159.6 थी, जो 2021 में घटकर 103.5, 2022 में 86.5 और 2023 में घटकर 83.9 रह गयी. एनसीआरबी के अनुसार, यह गिरावट दर्शाती है कि शहर में कानून-व्यवस्था और पुलिस प्रशासन ने अपराध पर नियंत्रण के लिए लगातार काम किया है.

कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी कमी आयी है. वर्ष 2023 में कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ 1,746 अपराध दर्ज हुए, जबकि 2022 में यह संख्या 1,890 और 2021 में 1,783 थी. बच्चों और बुजुर्गों के खिलाफ अपराधों के मामले में भी कोलकाता को देश का सबसे सुरक्षित शहर पाया गया है. राज्य सरकार का भी दावा है कि पिछले कुछ वर्षों में महिला सुरक्षा, निगरानी प्रणाली और हेल्पलाइन सेवाओं को मजबूत किया गया है. सुरक्षित शहरों की सूची में हैदराबाद दूसरे, पुणे तीसरे और मुंबई चौथे स्थान पर रही.

अपराध दर के मामले में कोच्चि को सबसे असुरक्षित शहर पाया गया, जहां प्रति लाख की आबादी पर 3,092.4 अपराध दर्ज किये गये. दिल्ली दूसरे स्थान पर और सूरत तीसरे स्थान पर रहा. जबकि इससे पहले देश के असुरक्षित शहरों में दिल्ली लगातार सबसे ऊपर बनी हुई थी. वर्ष 2023 में पूरे पश्चिम बंगाल में कुल अपराध दर प्रति लाख की आबादी पर 181.6 रही, जो राष्ट्रीय औसत (433) से कम है. हालांकि उस साल राज्य में हत्या के आंकड़े जरूर 2022 की तुलना में अधिक थे, लेकिन हिंसक अपराधों में समग्र रूप से कमी आयी है और राज्य में अपराध का स्तर कई बड़े राज्यों की तुलना में कम है.