नियुक्तियां हों चुनाव में मुद्दा

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 की घोषणा होते ही पक्ष-विपक्ष नये-नये वादों, घोषणाओं, आरोप-प्रत्यारोप व उपलब्धियों के साथ चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. प्रत्येक चुनाव की तरह इस चुनाव में भी मुख्य रूप से स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पानी, भ्रष्टाचार जैसी कई समस्याएं व मुद्दे हैं, पर सबसे अहम मुद्दा है रोजगार की कमी. हम सभी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 12, 2019 7:42 AM
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 की घोषणा होते ही पक्ष-विपक्ष नये-नये वादों, घोषणाओं, आरोप-प्रत्यारोप व उपलब्धियों के साथ चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. प्रत्येक चुनाव की तरह इस चुनाव में भी मुख्य रूप से स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पानी, भ्रष्टाचार जैसी कई समस्याएं व मुद्दे हैं, पर सबसे अहम मुद्दा है रोजगार की कमी. हम सभी जानते हैं कि झारखंड में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है और सरकार की नीतियों के कारण या तो बहाली हुई ही नहीं या न्यायालय में अटकने के कारण अपूर्ण है.
चाहे चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति हो या हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति में प्रारंभिक शिक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्ति संबंधित समस्या हो, सबमें विवाद रहा ही है, जिसके कारण बेरोजगार छात्र या तो नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल ही नहीं हो सके या उतीर्ण होने के बाद भी न्यायालय और संबंधित विभागों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. हजारों की संख्या में पद रिक्त रहने के बावजूद अगर ऐसी स्थिति हो, तो कष्ट तो होगा ही. चुनाव में यह मुद्दा होना ही चाहिए.
अमित चौबे, केतात

Next Article

Exit mobile version