नये सिरे से कांग्रेस का गठन जरूरी

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद महात्मा गांधी ने कांग्रेस को भंग करने की अपील की थी, जिसे सत्ता की भूख के लिए नहीं माना गया था, लेकिन अब समय आ गया है कि इसे भंग करना देना चाहिए. कांग्रेस सत्ता से दूर नहीं रह सकती और जब-जब यह सत्ता से दूर हुई है, इसने अनर्गल व्यवहार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 26, 2019 2:53 AM

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद महात्मा गांधी ने कांग्रेस को भंग करने की अपील की थी, जिसे सत्ता की भूख के लिए नहीं माना गया था, लेकिन अब समय आ गया है कि इसे भंग करना देना चाहिए. कांग्रेस सत्ता से दूर नहीं रह सकती और जब-जब यह सत्ता से दूर हुई है, इसने अनर्गल व्यवहार करना आरंभ कर दिया है. चुनाव प्रचार में तो इनके नेता अपशब्दों का प्रयोग बेधड़क कर ही रहे थे.

अब वे उन अपशब्दों को संसद में भी ले आये हैं. बेरोजगार कांग्रेस अब बौद्धिक दिवालिया होने के कगार पर आ खड़ी हुई है. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी कांग्रेस की ऐसी भाषा न पहुंचे, इसके लिए यह जरूरी हो गया है कि कांग्रेस को भंग कर दिया जाये. उसे नये सिरे से गठित किया जाए, अन्यथा ईश्वर इनके नेताओं को सद्बुद्धि दें.
सतप्रकाश सनोठिया, रोहिणी

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